
बिहार में आसान हुई स्टार्टअप की राह, वेंचरपार्क ने स्वीकृत किए लाखों रुपये
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से इन्क्यूबेशन सेंटर वेंचरपार्क की स्थापना की गई है।
बिहार में स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता पाने की राह अब आसान हो गई है। अभी तक शिकायत रहती थी कि बैंकों का सहयोग नहीं मिल पाता है। लेकिन, अब बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के इन्क्यूबेशन सेंटर वेंचरपार्क ने स्टार्टअप इंडिया सीड फंड के अंतर्गत फंडिंग शुरू कर दी है और इसके लिए वेंचरपार्क ने पहली बार दो स्टार्टअप को 45 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह राशि कार्य निष्पादन के स्तर को देखते हुए निर्गत की जाएगी।
योजना के बारे में
असल में, स्टार्टअप को सहयोग देने के बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से इन्क्यूबेशन सेंटर वेंचरपार्क की स्थापना की गई है। डिपार्टमेंट फार प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंटरनल ट्रेड की स्कीम ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड’ के लिए यह सेंटर राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में शामिल हुआ था। यह बिहार से इकलौता सेंटर था, जिसका चयन भी हुआ। स्टार्टअप को सहयोग करने के लिए अप्रैल में स्कीम के तहत तीन करोड़ रुपये का फंड भी स्वीकृत किया गया। नियम के अनुसार, राज्य सरकार से भी तीन करोड़ रुपये का मैचिंग ग्रांट मिलना है यानी कुल छह करोड़ रुपये का फंड वेंचरपार्क के पास है, जिसका लाभ स्टार्टअप ले सकते हैं।
अब तक 55 स्टार्टअप के मिले आवेदन
बिहार समेत देश भर से कुल 55 स्टार्टअप का आवेदन अप्रैल से अब तक वेंचरपार्क को मिला है। इनमें से चयन प्रक्रिया के तहत गाइडलाइन के अनुरूप विभन्न पैमाने पर दो स्टार्टअप खरे उतरे हैं। दो स्टार्टअप में रविन्द्र नाथ पाण्डेय की साइटेक्सी रिसर्च एंड टेक्नालाजी प्राइवेट लिमिटेड को 20 लाख रुपये की फंडिंग, जबकि टीजीजी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मनिंदरजीत को 25 लाख रुपये की फंडिंग हुई है। वहीं, दो स्टार्टअप अपने प्रोजेक्ट के दमखम पर पाइपलाईन में भी हैं और अन्य के प्रोजेक्ट को भी देखा जा रहा है। बीआइए वेंचरपार्क के सदस्य सचिव सुबोध कुमार ने बताया कि, देश भर से अब तक कुल 55 आवेदन मिले हैं। अन्य स्टार्टअप भी आवेदन दे सकते हैं, जिनका चयन नियमानुसार होगा। उसके बाद फंडिंग भी होगी।