
TrendingUttar Pradesh
गंगा किनारे वनीकरण में जुटी योगी सरकार, हरा-भरा होगा गंगा का गलियारा
वनीकरण के लिए गंगा किनारे(ganga) बसे जिलों में से 503 जगहों को चुना गया है। गंगा के अधिग्रहण क्षेत्र में हरियाली
केन्द्र की मोदी सरकार(modi gov) हो या यूपी की योगी सरकार (yogi gov)दोनों ही सरकारें नदियों(river) की सफाई और स्वच्छता(clean) को लेकर सदैव ही सजग है। वहीं अब राज्य सरकार गंगा का गलियारा हरा-भरा करने की मुहिम में जुट गई है। अगले 6 महीने में 6,759 हेक्टेयर में वनीकरण का लक्ष्य तय किया गया है।
वनीकरण के लिए गंगा किनारे(ganga) बसे जिलों में से 503 जगहों को चुना गया है। गंगा के अधिग्रहण क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के मकसद से सरकार पहले से ही गंगा वन, गंगा तालाब, गंगा और सहायक नदियों और अपेक्षाकृत प्रदूषित नदियों के किनारों पर सरकार ने सघन पौधरोपण की योजना बनाई है। इससे न सिर्फ हरियाली बढ़ेगी बल्कि प्राकृतिक तरीके से संबंधित नदियों का प्रदूषण भी दूर होगा। साथ ही कटान रुकने से उन क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या भी कम होगी। इससे भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
इसी मकसद से सरकार अपेक्षाकृत प्रदूषित हिंडन, काली, गोमती, सई, वरुणा, अस्सी, रामगंगा, बेतवा, सरयू और गंगा के किनारे पिछले साल तक करीब 1500 हेक्टेयर में 15 लाख पौधे लगवा चुकी है। कासगंज व कुछ जिलों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। प्रयास यह है कि ये वन उपयोगी हों और इनमें संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार परंपरागत से लेकर दुर्लभ व औषधीय पौधे लगाए जाएं। कुछ ऐसी ही परिकल्पना गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे बनने वाले बहुउद्देश्यीय तालाबों के किनारे होने वाले पौधरोपण के बारे में की गई है।
बता दें कि, इस कवायद में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, सीतापुर, वाराणसी, शाहजहांपुर, बरेली और हमीरपुर जिलों को खास तौर पर शामिल किया गया है। गौरतलब है कि गंगा की कुल लंबाई बांग्लादेश को शामिल करते हुए 2525 किमी है, और गंगा का अधिकांश मैदानी इलाका यूपी में ही है। है। बांग्लादेश के अलावा भारत मे यूपी में क्रमश: 2071 व 1140 किमी का सफर गंगा नदी तय करती है। गंगा नदी प्रदेश के 28 जिलों बिजनौर, बंदायू, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, प्रयागराज, वाराणसी मिर्जापुर, गाजीपुर आदि से होकर गुजरती है। इसलिए गंगा के किनारे के सभी जिलों में गंगा वन लगाने की कार्ययोजना तैयार की गई है।