
Punjab: किसानों व पुलिस के बीच टकराव, बेरिकेट्स तोड़ चंडीगढ़ पहुंचे किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को सात महिने पूरे होने पर किसान संगठनों के आह्वान पर आज पंजाब व हरियाणा के किसान अपने-अपने राज्यपालों को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन की ओर कूच किया। पंजाब के किसान मोहाली के रास्ते चंडीगढ़ की सीमा में प्रवेश कर गए।
किसानों ने 8 और 9 चौक के बीच में लगाई गई बसों को भी हटाकर बैरिकेड तोड़ दिया और वह राजभवन की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस किसी भी तरह से उन्हें कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। मोहाली बैरियर से पैदल चलकर 8 और 9 चौक पर पहुंचे किसान भी थके हुए लग रहे हैं। यहां चंडीगढ़ डिप्टी कमिश्नर मनदीप सिंह बराड़ किसानों से ज्ञापन लेने पहुंचे।
किसान चंडीगढ़ में एंटर न हो सकें इसके लिए मोहाली बार्डर व पंचकूला में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। लेकिन, किसानों की संख्या को देखते हुए इंतजाम नाकाफी साबित हुए। पंचकूला में किसानों व पुलिस के बीच टकराव हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेट्स को उखाड़ फेंका। किसान प्रदर्शनकारी आगे बढ़े। मोहाली में भी पुलिस बेरिकेट्स को तोड़कर किसान चंडीगढ़ में एंटर हो गए और राजभवन के नजदीक तक पहुंच गए। बाद में पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और चंडीगढ़ के डीसी मौके पर ज्ञापन लेने पहुंचे।
पंचकूला में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने कूच किया। चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए किसान जा रहे हैं। पंचकूला पुलिस ने घग्गर नदी के पुल के पास हैवी बेरीगेटिंग कर किसानों को रोकने की की कोशिश, लेकिन पुलिस नाकाम रही। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिगेट्स के साथ सीमेंट की बीम भी लगाई थी। पंचकूला में एडीसी टू गवर्नर खुद मौके पर आकर ज्ञापन लेने पहुंचे। उन्होंने पंचकूला-चंडीगढ़ बार्डर पर आकर ज्ञापन लिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की अध्यक्षता में किसानों ने कूच किया।
मोहाली से चंडीगढ़ में एंटर हो रहे किसानों पर चंडीगढ़ पुलिस ने पानी की बौछारें चलाई, लेकिन किसान आगे बढ़ते रहे। किसानों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने पानी की बौछारें चलाई, इससे कई लोगों की पगड़ियां उछल गई। संयुक्त किसान मोर्चा के हरविंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि किसान पिछले दस दिन से कह रहे थे कि हमारा मार्च शांतिपूर्ण है। हम राष्ट्रपति के नाम राज्यपान को यादगारी पत्र देने जा रहे हैं।