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सरकार समय से पहले ही सत्र को खत्म करने पर कर रही विचार, विपक्ष ने बहस से भागने का लगाया आरोप
पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा मचा हुआ है। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही पिछले दो सप्ताह में कई बार बाधित हुई है।
नई दिल्ली: बीते कुछ दिनों से जब से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है तब से विपक्ष पेगासस, कोरोना और महंगाई को लेकर सदन में ख़ासा हंगामा खड़ा किए हुए है। विपक्ष के हंगामे के कारण संसद का मानसून सत्र दो सप्ताह से काफी प्रभावित हुआ है। विपक्ष के इस रवैये को देखते हुए सरकार समय से पहले ही सत्र को खत्म करने पर विचार कर रही है।
वहीँ, इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार बहस से भाग रही है। मीडिया से वार्ता में विपक्ष ने यह साफ़ कर दिया कि वो सरकार के इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेगी।
आपको बता दें कि संसद के इस मानसून सत्र में हंगामे के दौरान सरकार आठ विधेयकों को बिना चर्चा के पारित करा चुकी है। इनमें से पांच लोकसभा में और तीन राज्य सभा में पास करवाए गए हैं। सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को पूरा करने की तरफ कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के बाद से ही सदन में सरकार और विपक्ष के बीच हो रहे तकरार में और तेजी आई है।
वहीँ, विपक्षी दल कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि अगर केंद्र पेगासस पर चर्चा के लिए तैयार हो जाती है तो उसी वक्त गतिरोध भी खत्म हो जाएगा। सरकार को इस संंबंध में केवल विपक्ष के दो सवालों का ही जवाब देना है। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्य सभा के सभापति को पत्र लिखकर विपक्षी दल को कम से कम अपनी बात रखने का एक मौका दिए जाने की मांग की है।
विपक्ष के द्वारा सदन में हुए हंगामे पर सरकार ने कहा है कि हंगामे की वजह से लोकसभा में महज सात घंटे ही कार्यवाही चल पाई है जबकि राज्यसभा में केवल 11 घंटे काम हो सका है। इस तरह दोनों सदनों के कुल 107 घंटों में संसद केवल 18 घंटे ही चली है। इसके चलते सरकार को 133 करोड़ रुपये का घाटे का भी सामना करना पड़ा है।
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