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नैनीताल में सांप से बचाव को लेकर वन विभाग ने शुरू की ये पहल, जानिए किस तरह से मिलेगी मदद?

नैनीताल : बरसात का मौसम शुरू होते ही उत्तराखंड में जंगल के आस – पास के इलाको में सांप का खतरा बढ़ जाता है. इन दिनों में गाँव वासियों को अक्सर खतरनाक सांपो का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कई बार डर के चलते लोग सांप को मार देते है तो कभी सांप उन्हें काट लेते है.

इन सब समस्याओं को देखते हुए हल्द्वानी जू एंड सफारी वन विभाग की टीम की तरफ से नैनीताल जिले के अलग-अलग गांवों में एक पहल की शुरुआत की गयी है.  जिसके चलते ग्रामीण वासियों को सांप से बचने के की जानकारी दी जा रही है. इसमें किस तरह के सांप नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में पाए जाते हैं, कौन से सांप ज्यादा जहरीले या कम जहरीले होते हैं, सांप के काटने के कितने समय तक इंसान जीवित रहता है, काटे जाने पर किस तरह उपचार करना चाहिए, ये सभी जानकारी सेमिनार के दौरान ग्रामीणों को दी गई.

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वन विभाग के मुख्य प्रवक्ता जिज्ञांशु डोलिया ने सेमिनार लोगों को जानकारी देते हुए बताया की , ” दुनिया में सांप की 3800 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से लगभग 300 प्रजातियां भारत में देखने को मिल जाएंगी. इसके बाद उन्होंने पाइथन, हिमालयन ट्रिंकेट और रैट स्नेक से वहां मौजूद लोगों को रूबरू करवाया और उनके बारे में जानकारी दी.”

उत्तराखंड जैव प्रोद्योगिकी परिषद के प्रभारी सुमित पुरोहित ने बताया कि, ”ऐसे अवेयरनेस प्रोग्राम से काफी जानकारी हासिल होती है. यह प्रोग्राम अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद जरूरी हैं.”

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अधिक जानकारी और मदद के लिए यहाँ करें संपर्क 

वन विभाग केंद्र पर जाकर किसी भी तरह की जानकारी ली जा सकती है. इसके अलावा आसपास के क्षेत्रों में सांप की ज्यादा जानकारी या सांप पकड़ने के लिए इस नंबर 9412958922 पर संपर्क किया जा सकता है.सांपों की ज्यादा जानकारी के लिए www.indiansnakes.org की वेबसाइट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा अपने मोबाइल के प्लेस्टोर से सरपेंट ऐप (Serpent Application) भी डाउनलोड कर सकते हैं. जबकि सांप के काटने पर नैनीताल के नजदीकी बीडी पांडे अस्पताल का रुख करें.

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