
Rajasthan: कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष DK Shivkumar ने की CM Gehlot से मुलाकात
Rajasthan: राजस्थान में कैबिनेट में संभावित फेरबदल से पहले हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी सैलजा की रविवार को सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद मंगलवार को कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी यहां सीएम से मुलाकात कर चर्चा की।
राजस्थान (Rajasthan) में एक के बाद एक हो रही इन मुलाकातों ने गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में संभावित अटकलों को लेकर हवा दे दी है। फेरबदल में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक विधायक ज्यादा प्रतिनिधित्व चाहते हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि, कुमार बेंगलुरू से आये और मुख्यमंत्री निवास पर सीएम अशोक गहलोत के साथ लगभग एक घंटे बैठक की।
शिवकुमार का शाम को हवाई मार्ग से नई दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है और कार्यक्रम के अनुसार वह बुधवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं से मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान अपनी इस बैठक के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को जानकारी देंगे।
रविवार रात कुमारी सैलजा ने सीएम अशोक गहलोत के साथ संक्षिप्त मुलाकात की थी। बैठक के एजेंडे के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि सैलजा और शिवकुमार दोनों ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के संदेशों को पहुंचाने के लिये जयपुर का दौरा किया था। बता दें कि सैलजा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गहलोत दोनों का करीबी माना जाता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राज्य प्रभारी अजय माकन ने पिछले सप्ताह जयपुर में पार्टी विधायकों और पार्टी संगठन के नेताओं के साथ कई बैठकें की थी।
गहलोत कैबिनेट के कुछ सदस्यों को मंत्रिमंडल से हटाने के स्पष्ट संकेत में माकन ने शुक्रवार को कहा था कि कुछ मंत्रियों ने संगठन के लिये काम करने के लिये कैबिनेट से पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है।
राजस्थान कैबिनेट में अभी गहलोत सहित 21 मंत्रिमंडलीय सदस्य है। कैबिनेट में नौ ओर लोगो को समायाजित किया जा सकता है। इसी तरह पार्टी इकाइयों में जिला स्तर पर नियुक्तियां होनी है। दिसम्बर 2018 में सत्ता में आई गहलोत सरकार ने आधा कार्यकाल पूरा कर लिया है।
कैबिनेट में फेरबदल और अन्य पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों की मांग जून महीने में उस समय तेज हो गई जब सचिन पायलट के कुछ करीबी विधायकों ने पिछले साल पार्टी हाईकमान द्वारा किये गये वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि आलाकमान द्वारा पिछले साल किए गए वादे पूरे नहीं हुए है।
पिछले साल अशोक गहलोत सरकार से बगावत करने वाले पायलट गुट के कई विधायकों द्वारा बागी तेवर दिखाये जाने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने समाधान के लिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक कमेटी का गठन किया था। लेकिन उनका दावा है कि कई महीनों के बाद समाधान नहीं निकाला गया।
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