
मथुरा में सजने लगे गुरुओं के द्वार, मंदिरों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच गुरु पूर्णिमा के लिए मथुरा में गुरुओं के द्वार सजने लगे हैं। शिष्यों की भीड़ अभी से आने लगी है। आश्रमों में धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। सबसे अधिक श्रीमद्भागवत पाठ हो रही है। वहीं श्री बांकेबिहारी मंदिर में भी ठाकुरजी के दर्शन के लिए भीड़ आ रही है।
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में गुरु पूर्णिमा पर एक से डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इसमें एक करोड़ श्रद्धालु गोवर्धन की परिक्रमा के लिए ही आते थे, लेकिन यह परिक्रमा प्रशासन द्वारा पबैन कर दिए जाने के कारण श्रद्धालुओं का रुख वृंदावन की ओर होने लगा है। लोग गुरु पूर्णिमा से एक सप्ताह पहले ही गुरु वृंदावन आने लगे हैं। अनेक आश्रमों में श्रीमद्भागवत सहित विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं।
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आश्रम गौरी गोपाल में श्रीमद्भागवत कह रहे हैं। परिक्रमा मार्ग में ही श्रीराधा किशोरी शक्ति सेवा धाम में महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव की श्रीमद्भागवत कथा हो रही है। इन दोनों ही आश्रमों में कथा सुनने के लिए भीड़ उमड़ी हुई है। बाहरी लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है।
मथुरा के आश्रमों में हो रही भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा हैं । इसी तरह परिक्रमा मार्ग में ही आध्यात्म कुटीर में कथा की शुरुआत कर दी है। वृंदावन के अनेक आश्रमों में यह धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। गुरुओं के आश्रम आ रही शिष्यों की भीड़ सुबह-शाम मंदिरों पर देखने को मिलती है। इससे श्रीबांकेबिहारी मंदिर की गलियां भक्तों से भर जाती हैं। इस दौरान कोरोना के नियमों का पालन दूर तक नहीं होता है।
CO सदर गौरव त्रिपाठी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दृष्टिगत वृंदावन में भीड़ की संभावना को देखते हुए फिलहाल धर्मगुरु, संतों की मदद ली जा रही है। उनके माध्यम से शिष्यों को कोरोना के मद्देनजर आश्रम न आने की अपील कराई जा रही है। इसके अलावा भी कुछ अन्य विकल्पों पर विचार चल रहा है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।