
हंगामे के भेंट चढ़ सकता है बजट सत्र, सदन में दिखेगा सपा का तेवर
विपक्ष जहां महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, उत्पीड़न आदि के मुद्दों पर सरकार को घेरने को तैयारी कर रही है
लखनऊ। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला सदन 21 मई से शुरू होने जा रहा है। इस सदन को लेकर सरकार की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है। वहीं समाजवादी पार्टी भी अपने पुराने तेवर के साथ सदन में जाने की तैयारी कर रही है। रविवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक बुलाई थी| जिसमें सदन में उठने वाले मुद्दों को लेकर चर्चा की गई है। सपा विधायकों के तेवर से साफ हो गया है कि यह सदन हंगामेदार रहना लगभग तय हो गया है। विपक्ष जहां महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, उत्पीड़न आदि के मुद्दों पर सरकार को घेरने को तैयारी कर रही है तो सरकार भी इस बजट सत्र को व्यापक बनाने में जुटी हुई है। विपक्ष, खासतौर पर सपा का साफ कहना है कि उनके पास मुद्दों की भरमार है। सरकार को सदन को ज्यादा से ज्यादा चलाना चाहिए।
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हंगामेदार हो सकता है सदन
यूपी का बजट सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। क्योंकि समाजवादी पार्टी के विधायकों और अखिलेश यादव के तेवर से यह लगभग साफ हो गया है कि यूपी में हुए उत्पीड़न के मामलोंपर वो मुखर होकर बोलेंगे। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने कुछ दिनों पहले ही यूपी के कई जिलों में गये थे, जहां पर उन्होंने उत्पीड़न के शिकार परिवारीजनों से मुलाकात की थी और उनके मुद्दे को सदन में उठाने का भी आश्वासन दिया था। वहीं कई भर्तियों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठने तय माने जा रहे हैं। खासकर यूपी एसआई की भर्ती में जिस तरह से रोज सॉल्वर गैंग पकड़े जा रहे हैं, उसको सपा मुद्दा बना सकती है। वहीं सरकार लगातार दावा करती रही है कि यूपी की कानून व्यवस्था हो, नौकरियों का मामला हो या अन्य मुद्दे, हर जगह निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती गई है। ऐसे में सरकार और विपक्ष इन मुद्दों पर पहले से ही आमने-सामने है और जब सदन में आएंगे तो हंगामा लगभग तय माना जा रहा है।
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पांच साल दिखेगा मजबूत विपक्ष
विधानसभा में पांच साल बाद एक मजबूत विपक्ष दिखाई देगा।पिछली बार जहां विपक्ष के रूप में सपा, बसपा और कांग्रेस के करीब 80 विधायक ही थे तो वहीं इस बार अकेले सपा के पास ही 111 विधायक हैं। वहीं उसके सहयोगियों के मिलाकर कुल 125 विधायक हैं। जबकि, बसपा का एक और कांग्रेस के दो विधायक हैं। वहीं जनसत्ता दल के भी दो विधायक हैं। ऐसे में देखा जाए तो इस बार विपक्षा पिछली बार की तुलना में काफी मजबूत है।