भारत पहुंचे अफगानिस्तान के सांसद की आंखों से छलके आंसू, सुनाई अपनी आपबीती !
भारतीय वायुसेना का विमान सी 17 ग्लोब मास्टर अफगानिस्तान के काबुल से 168 लोगों को लेकर हिंडन एयरबेस पहुंचा। विमान से उतरने के बाद कुछ अफगानी यात्रियों की आंखे खुशी के आसूंओं से छलक पड़ी। 24 अफगान सिख भी विमान में थे। इनमें दो अफगान सांसद नरेंद्र सिंह खालसा और अनारकली भी विमान में मौजूद थे। तालिबान के जुल्म की दास्तां यात्रियों ने सुनाई तो सब भावुक हो गए।
अफगान सांसद नरेंद्र सिंह खालसा भारत पहुंचने पर भावुक हो गए तथा उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि, अपना देश छोड़ने पर एक सांसद को कितना दर्द होता है, इस पर मुझे रोना आ रहा है। अफगानिस्तान में पीढ़ियों से वह रह रहे थे। उन्होंने वहां ऐसे हालात कभी नहीं देखे। जो सरकार 20 साल से चल रही थी, आज वह खत्म हो गई। लोग वहां पर दहशत में हैं।
अफगानिस्तान में अभी 280 सिख फंसे हैं। भारत सरकार से उन्होंने सिखों को भी बचाने का भी निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि भारत से मदद का उनको इंतजार है। उन्होंने भारत आने पर प्रधानमंत्री और भारत सरकार को धन्यवाद अदा किया।
हिंडन एयरबेस पर पहुंचे दो सिखों ने कहा कि आठ दिनों से वह गुरुद्वारे में बंद थे। कभी भी किसी की भी तालिबानी तलाशी लेने लगते थे। जब वे लोग एयरपोर्ट पर जाने के लिए निकले तालिबानी उन्हें उठाकर ले गए। सभी कागजातों को जांचने के बाद उन्होंने उन्हें छोड़ दिया।
काबुल से आई एक महिला ने कहा कि तालिबान ने उनके घर को जला दिया था। वह भारत अपनी बेटी, नाती और नातिन के साथ आई है। उनके बचाव के लिए भारतीय भाई-बहन आगे आए हैं। उन्हें भारत ही आना था। भारत में आकर अब वह खुद को महफूज महसूस कर रही हैं। भारत सरकार का उन्होंने शुक्रिया अदा किया।
काबुल आए एक भारतीय युवक ने बताया कि, अफगानिस्तान के एक स्टील प्लांट में वह काम करता था। तालिबान के कारण ही सब कुछ बर्बाद हो गया है। एयरपोर्ट पर वह तीन दिन से फंसे थे। मुंबई के रहने वाले प्रशांत चौहान ने कहा कि काबुल की फाइनेंस कंपनी में वह काम करते थे। एयरपोर्ट पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। एयरपोर्ट के पास से उन्हें तालिबान उठा ले गए थे। अमेरिका की फौज जिस जगह पर है, एयरपोर्ट पर वहां से प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।