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अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक मशाल का आपस में हुआ विलय, जानिए क्या है वजह?

गणतंत्र दिवस से पहले इंडिया गेट में जलने वाली अमर जवान ज्योति को 50 साल तक जलने के बाद आज यानी 21 जनवरी को बुझाया जाएगा। अब इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में मिला दिया जाएगा। दोनों मशालों के विलय का समारोह दोपहर 3:30 बजे शुरू होने वाला है, जिसका नेतृत्व एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख, एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे।

 

जानकारी के अनुसार यह निर्णय तब आया जब पता चला कि दोनों लपटों का रख-रखाव मुश्किल होता जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहले कोई युद्ध स्मारक नहीं था। यही वजह है कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को जलाया गया था। हालांकि, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के उद्घाटन के बाद, सभी राजनीतिक और सैन्य नेता नए स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे, न कि इंडिया गेट पर। इसलिए दोनों मशालों को मिलाया जा रहा है। जिससे कि वे एक ऐसी जगह पर हों जहां सभी गणमान्य व्यक्ति सम्मान कर सकें।

 

गौरतलब है कि अमर जवान ज्योति 1971 के भारत-पाक युद्ध में जीत और सैनिकों के बलिदान के प्रतीक के रूप में खड़ी है, जिसके कारण भारत की जीत हुई और बांग्लादेश का गठन हुआ। इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को किया था। बता दें कि ब्रिटिश सेना ने 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए अपने सैनिकों की याद में इंडिया गेट का निर्माण किया था।

 

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। इसे 176 करोड़ रुपये की लागत से 40 एकड़ में बनाया गया था। ग्रेनाइट की गोलियों पर सुनहरे अक्षरों में 25,942 सैनिकों के नाम अंकित हैं। अमर चक्र के अंदर स्मारक के मुख्य स्तंभ, स्मारक स्तंभ के मध्य में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की शाश्वत मशाल जलती है।

 

 

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