India Rise Special

छठ के बाद अब इगास पर्व की धूम , जानिए क्यों मनाते है ये त्यौहार

उत्तराखंड। छठ पर्व के समापन के बाद उत्तराखंड में इगास पर्व को लेकर धूम है। जिसको लेकर 14 नवम्बर को राजकीय अवकाश भी घोषित किया गया है। इस राजकीय अवकाश की जानकारी सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये दी है।

बलूनी ने सीएम को जताया आभार 

राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सांसद अनिल बलूनी ने इगास पर छुट्टी की घोषणा होने पर सीएम धामी का आभार व्यक्त किया है। आपको बता दे कि बलूनी बीते कुछ सालों से गांवों में जाकर इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाने की मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मित्रों मैं इगास (बुड़ दिवाली) पर अपने गांव जाकर उत्सव मनाने वाला हूं। आप सबसे आग्रह है कि आप भी अपने गांव जाकर इगास बूढ़ी दिवाली मनाएं।’

ऐसे मनाया जाता है इगास पर्व 

दीपावली के 11 दिन के बाद पहाड़ो में एक दुसरी दिवाली मनाई जाती है, जिसको इगास या बूढ़ी दिवाली बोलते है। इस दिपावली में मीठे पकवान बनते है और शाम में भैलो जलाकर देवी – देवताओं की पूजा होती है। । पूजा-अर्चना के बाद ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलो (भीमल या चीड़ की लकड़ी का गट्ठर) जलाकर घुमाया जाता है और नृत्य किया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम के लकां विजय कर अयोध्या पहुंचने की सूचना पहाड़ में 11 दिन बाद मिली थी। इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाया जाता है।

 

 

 

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: