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एनआईए से बॉम्बे उच्चन्यायालय ने किया सवाल , कहा – एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी को क्यूं न दी जाए जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जवाबतलब किया है। दरअसल एनआईए की मांग है कि, एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव को चिकित्सा के आधर पर स्थायी जमानत न दी जाए। जिसपर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- कि वरवरा राव कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। फिर भी जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए।

 

 

पार्किन्संस बीमारी से पीडित हैं राव

 

 

दरअसल वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने अदालत को राव की चिकित्सा रिपोर्ट के हवाले से उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी दी थी। वहीं ग्रोवर ने राव के पार्किन्संस बीमारी से पीडित होने का हवाला भी दिया था। जिसपर न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे की पीठ ने एनआईए से राव को चिकित्सा के आधार पर स्थायी जमानत को लेकर सवाल किया। और पीठ ने राव को तलोजा जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए 21 मार्च तक का समय दिया। राव वर्तमान में अस्थायी चिकित्सा जमानत पर हैं।

 

 

एनआईए को दो हफ्ते में देना होगा जवाब

 

 

एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने वरवरा राव को स्थायी राहत देने का विरोध किया। पाटिल ने कहा वर्ष 2021 अस्थायी राहत का आदेश कोरोना महामारी के दौरान दिया गया था। हाईकोर्ट ने एनआईए को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि, न्यायमूर्ति शुक्रे ने कहा, हाईकोर्ट की एक अन्य पीठ ने फरवरी 2021 में पारित, पूर्व के आदेश में उन्हें छह महीने के लिए अस्थायी तौर पर चिकित्सा जमानत दी थी।

 

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