
भारत के दमदार धावक व अपनी उपलब्धियों से दुनिया भर में देश का नाम करने वाले मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह का शुक्रवार को देर रात निधन हो गया।बीते दिनों ही मिल्खा सिंह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन अचानक से उनकी तबियत नाज़ुक होने लगी इसके बाद उन्हें चड़ीगढ़ स्थित PGI अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 25 स्थित शमशान घाट में किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए आज 3 बजे उनका पार्थिव शरीर सेक्टर 8 स्थित उनके घर पे रखा जाएगा।
देश का चमकता सितारा
‘ फ्लाइंग सिख ‘ नाम से मशहूर भारत का परचम लहराने वाले मिल्खा सिंह ने 91 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। 20 नवंबर 1929 को जन्में मिल्खा सिंह ने रोम के 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। इतना ही नहीं फ्लाइंग सिख कहे जाने वाले मिल्खा सिंह 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में बिलकुल रॉ टैलेंट के रूप में पहुंचे थे। 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में फ्लाइंग सिख ने पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान तोड़ा, परंतु पदक से वंचित रह गए। उसके बाद ही उन्होंने एक ऐसा नेशनल कीर्तिमान बनाया, जो लगभग 40 साल बाद टूटा।
‘ फ्लाइंग सिख ‘ ने अपने करियर के दौरान उन्होंने करीब 75 रेस जीती। इन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए 1959 में पद्म अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। 1960 में ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में वह चौथे नंबर पे रहे। उन्होंने रेस में 45.73 सेकंड का वक्त लगा, जो 40 साल तक रिकॉर्ड रहा। पद्म अवार्ड के अलावा 2001 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नही किया।