
यागराज : यूपी की सीतापुर जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान(AZAM KHAN0 की जमानत अर्जी (BAIL)पर सुनवाई में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट(SUPREME COURT) ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ये न्याय का मजाक है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि 137 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में आज की तारीख तक फैसला नहीं सुनाया गया है। आजम खान की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट बुधवार यानी 11 मई को सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने कहा, ‘आजम खान एक मामले को छोड़कर सभी मामलों में जमानत पर बाहर हैं, यह न्याय का मजाक है। हम बुधवार को इस पर सुनवाई करेंगे।’ आजम खान को 86 अन्य मामलों में जमानत दी जा चुकी है। अपनी याचिका में आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट से उनके खिलाफ 19 सितम्बर 2019 को अपराध संख्या 312 के तहत रामपुर के अजीमनगर थाने में दर्ज एफआईआर में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत याचिका पर अंतिम फैसला आने तक के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के ने शत्रु संपत्ति से जुड़े मुकदमे में गुरुवार को आजम खान की जमानत अर्जी पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। राज्य सरकार ने दर्जन भर मामलों में जमानत निरस्त करने की अर्जी दाखिल भी की है जो विचाराधीन है।
यह याचिका आजम खान के वकील लजाफीर अहमद ने दायर की। इसके पहले आजम खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि हाईकोर्ट ने चार दिसंबर 2021 को भी एक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 29 अप्रैल 2022 को राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश किए। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर दोबारा सुनवाई की। आजम खान को इसी एक केस में अब तक जमानत नहीं मिल पाई है। बता दें कि बरेली की अजीमनगर पुलिस ने शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा करने और करोड़ो रुपये से अधिक की हेराफेरी के आरोप में 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। जमीन मौलाना जौहर अली ट्रस्ट द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में शामिल की गई है। रामपुर के आजम नगर थाने में आईपीसी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।