
तालिबान में सरकार का गठन, कोई मोस्ट वॉन्टेड तो कोई इंटरनेशनल आतंकवादी
आखिरकार अफगानिस्तान में तालिबान में अंतरिम सरकार का गठन हो गया और उसने अपने नेताओं के नाम भी घोषित कर दिए है। तालिबान की सरकार में कोई इंटरनेशनल आतंकी है तो कोई मोस्ट वॉन्टेड। आइए जानते हैं तालिबान की सरकार में किस आतंकी को कौन सा पद मिला। तालिबान ने वैश्विक आतंकी मुल्ला हसन अखुंद को इस्लामिक अमीरात का प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को तालिबान सरकार में अफगानिस्तान का गृह मंत्री बनाया गया है। मोहम्मद हसन आतंकी आंदोलन के संस्थापकों में से एक है। मुल्ला हसन अखुंद ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया है। अफगानिस्तान का गृह मंत्री या आंतरिक मंत्री बना सिराजुद्दीन हक्कानी अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की हिटलिस्ट में शामिल हैं।
अमेरिकी सरकार ने तो बाकायदा इस आतंकी के ऊपर 5 मिलियन डॉलर (करीब 36 करोड़ रुपये) का इनाम भी रखा हुआ है। इसने तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या का प्रयास भी किया था। सर्वोच्च नेता मुल्ला हबीबुल्लाह अखुंदजादा सरकार के संरक्षक होंगे और राजनीतिक, धार्मिक व सुरक्षा मामलों में उनका फैसला अंतिम होगा।
प्रधानमंत्री अखुंद और उप प्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर समेत अंतरिम सरकार के 33 मंत्रियों में से ज्यादातर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधितों की लिस्ट में शामिल हैं। अब्दुल गनी बरादर के अलावा मुल्ला अब्दुल सलाम हनफी को भी उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अहम जिम्मेदारी दी गई है।
तालिबान के सह-संस्थापक रहे अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। मुल्ला गनी बरादर कतर में अमेरिका के साथ वार्ता में तालिबान का नेतृत्व कर चुके हैं। बरादर ने ही अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था। खैरूल्लाह खैरख्वाह को सूचना मंत्री बनाया गया है। उप सूचना मंत्री ज़बीउल्लाह मुजाहिद को बनाया गया है।
उप विदेश मंत्रालय का प्रभार शेर अब्बास स्टैनकजई को दिया गया है। मुल्ला हबीबुल्लाह अखुंदजादा मंत्रिमंडल के संरक्षक होंगे। इसके अलावा तालिबान के कैबिनेट में न्याय मंत्री का पद भी बनाया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्री बनाया गया है। तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान ने सरकार का यह मॉडल ईरान से लिया है। ईरान में एक सर्वोच्च नेता के हाथों मे पूरी सरकार का नियंत्रण होता है। सर्वोच्च नेता के अंतर्गत ही राष्ट्रपति सरकार चलाता है।
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