
स्वामित्व योजना ; सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की स्वामित्व योजना की शुरुआत की गयी। 24 अप्रैल, 2020 को स्वामित्व योजना (गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण) का शुभारम्भ किया गया था। इस योजना में मानचित्रण और सर्वेक्षण की आधुनिक तकनीक साधनों के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत में तकनीक का उपयोह करते हुए बदलाव की क्षमता विकसित करना है । इससे कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए ग्रामीणों द्वारा संपत्ति को एक वित्तीय संपदा के रूप में इस्तेमाल करने का मार्ग प्रशस्त होता है। इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा।
योजना से ग्रामीण भारत के आर्थिक हितों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। योजना के अंतर्गत ग्रामीण लोगों को उनकी भूमि का मालिकाना हक़ मिलेगा। लोगों को उनकी जमीन का जो दस्तावेज सरकार की स्वामित्व योजना से प्राप्त होगा उसकी शत प्रतिशत विश्वसनीयता होगी। इससे लोगों को भूखंडों को खरीदने , बेचने व ऋण लेने तक में काफी सुविधा होगी।
योजना के पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पंजाब व राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था।
देश के ग्रामीण अंचलों के लिए यह योजना वरदान सिद्ध होगी। यह योजना आर्थिक सशक्तिकरण में भी मील का पत्थर सिद्ध होगी।