
यूपी: प्रदेश में कल से दो दिवसीय बैंक हड़ताल, क्रांतिकारी किसान यूनियन ने दिया समर्थन
- श्रम संहिता रद्द करने व आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम (ईडीएसए) को समाप्त किया जाये
लखनऊ। नयी श्रम संहिताओं की वापसी, पुरानी पेंशन बहाली, आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त कर नियमित करने और रिक्त पदों को भरने की मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों ने 28 व 29 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल बुलाई है। देश भर में समस्त ट्रेड यूनियन एवं अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ की ओर से बुलाई गई हड़ताल को क्रांतिकारी किसान यूनियन ने भी अपना समर्थन दिया है। इसके अलावा यूनियन ने भी 12 सूत्रीय मांग जारी की है। क्रान्तिकारी किसान यूनियन की राज्य संयोजन समिति के उत्तर प्रदेश प्रभारी शशिकांत ने कहा कि प्रदेश भर में विभिन्न जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता इस हड़ताल में शामिल होंगे।
ये है श्रमिक संगठनों की हड़ताल की 12 सूत्रीय मांग
– श्रम संहिता रद्द करने व आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम (ईडीएसए) को समाप्त किया जाये
– कृषि कानून वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की 6 सूत्रीय मांग पत्र को पूरा किया जाए
– नेशनल मोनिटाइजेशन पॉलिसी रद्द करें, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की नीति पर तत्काल रोक लगे और हर किस्म का निजीकरण बन्द हो
– गैर आयकर दाता परिवार को प्रतिमाह 7500 रूपये की नगद और खाद्य सहायता प्रदान की जाए
– मनरेगा के आवंटन में वृद्धि किया जाए और शहरी गरीबों को भी रोजगार गारंटी कानून का लाभ दिया जाए
– आंगनबाड़ी, मितानिन, मध्याह्न भोजनकर्मी और अन्य योजना को नियमित वेतन के साथ सामाजिक सुरक्षा दी जाए
– सभी अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों को सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए
– महामारी के दौरान जनता की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा और बीमा सुविधा उपलब्ध कराई जाए
– राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए संपदा कर आदि के माध्यम से अमीरों पर लगा कर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक आवश्यकताओं में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाया जाए
– पेट्रोल उत्पाद पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कटौती की जाए, साथ ही मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं
– ठेका श्रमिक, योजना कर्मियों का नियमतीकरण किया जाए और सभी को समान काम का समान वेतन दिया जाए
– नई पेंशन योजना को रद्द कर, पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि की जाए