
कृषि कानूनों के लिए अकाली दल को ठहराया ज़िम्मेदार
पंजाब के APMC सिस्टम को बर्बाद करना केंद्र सरकार का मंसूबा
पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस की और कृषि कानूनों के लिए सीधे तौर पर अकाली दल को ज़िम्मेदार ठहराया। सिद्धू ने कहा कि जिस समय कृषि कानून बनाए गए थे, उस समय अकाली दल NDA का हिस्सा था। सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस ही MSP, मंडी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट और सार्वजनिक वितरण प्रणाली लाई थी। कृषि कानूनों के लिए अकाली दल को ठहराया ज़िम्मेदार।
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उन्होंने आरोप लगाय कि जिस सर्व दलीय बैठक में कृषि कानूनों पर प्रस्ताव पास हुआ था, उससे सुखबीर बादल ने नाम वापस ले लिया था। लेकिन मीटिंग के मिनट्स के अनुसार, उन्होंने अध्यादेशों को समर्थन किया था और इसे किसान समर्थक बताया था।
नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार द्वारा फसल खरीद के लिए फर्द को अनिवार्य किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ऐसे नियम थोपकर एक देश-दो बाजार का सिस्टम लागू कर रही है।
अपने ट्वीटर हैंडल से मंगलवार को सिद्धू ने दो ट्वीट किए और यह मुद्दा उठाते हुए लिखा:-
Central Govt’s orders regarding compulsory demand of “Fard” before procurement is against socioeconomic fabric of Punjab … Deliberately creating “One Nation, Two Markets” as these orders are only valid for APMC Mandis where procurement happens at MSP and Not for Private Mandis ! pic.twitter.com/vBTal5TlIa
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 13, 2021
सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का मंसूबा पंजाब के APMC सिस्टम को बर्बाद करना है। उन्होंने केंद्र के नेशनल सैंपल सर्वे 2012-13 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि देश में 24 फीसदी खेती ठेके पर होती है। यह ठेके अलिखित और मुंह-जुबानी हैं, इनका कोई लिखित रिकार्ड नहीं होता।