
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी दूसरे दलों के मुस्लिम नेताओं का रुख भाग रही है। इसी के चलते पार्टी लगातार मुस्लिम नेताओं पर पैनी निगाह रखे हुए जिस तरह से सपा नेता आजम खान के मीडिया प्रभारी की ओर से नाराजगी जाहिर करने के बाद बसपा भविष्य की रणनीति का ताना-बाना बुनने लगी। वहीं पार्टी के थिंकटैंक का मानना है कि आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक मुस्लिमों को यह समझाने की पूरी कोशिश करेगी कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को केवल दलित और मुस्लिम ही मिलकर रोक सकते हैं।
आपको बता दें कि आजम खान के मीडिया प्रभारी ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि सपा ने आजम के लिए एक भी प्रदर्शन नहीं किया अब तो कमजोर की भाषा ही मुसलमान हैं। आजम के मीडिया प्रभारी के द्वारा हमलावर होने से या कयास लगाए जाने लगा है कि आजम खान कहीं सपा छोड़ तो नहीं रहे।
बता दें कि अखिलेश और आजम के बीच तल्ख होते सियासी 1 केवी बसपा संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने उनसे जेल में मुलाकात की थी। वही जेल से शिवपाल सिंह यादव ने सपा पर हमला बोला कि आजम खान को छुड़वाने के लिए सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई प्रयास नहीं किया और ना ही उनके परिवार से जाकर मिले।