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ईडी ने धोखाधाड़ी के मामले में हैदराबाद के कई जगहों पर मारा छापा

कर्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कर्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के छह ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में यह कार्रवाई की है। एएनआई के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के चेयरमैन सी पार्थसारथी और उनके परिवार के पास प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रखे गए 700 करोड़ रुपये के शेयर जब्त किए हैं। इससे पहले बुधवार को ईडी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हैदराबाद और देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की थी। ईडी ने केएसबीएल के अध्यक्ष और एमडी सी पार्थसारथी के बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छापेमारी आवासीय परिसरों, केएसबीएल और पार्थसारथी और अन्य गिरफ्तार आरोपियों के कार्यालयों को निशाना बनाकर की गई।

प्रवर्तन निदेशालय ने 5 सितंबर को हैदराबाद की चंचलगुडा सेंट्रल जेल में बंद मुख्य आरोपी पार्थसारथी का बयान दर्ज किया था। बाद में, एजेंसी ने हैदराबाद पुलिस के केंद्रीय अपराध स्टेशन (सीसीएस) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध दर्ज किया था। इंडसइंड बैंक ने कर्वी के खिलाफ सीसीएस के इंटेलिजेंस ब्यूरो (डीडी) में मामला दर्ज कराया था। कर्वी पर आरोप था कि उन्होंने बैंक से 137 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिया, लेकिन उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपने और संबंधित कंपनियों के लिए किया।

सीसीएस ने इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और क्लाइंट के खिलाफ धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज किए हैं। एचडीएफसी पर 359 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। मामले में पार्थसारथी और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पहले कर्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के प्रमोटर सी पार्थसारथी और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक में 563 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक अपराध), 420, 34 के साथ-साथ पढ़ने (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, केएसबीएल ने अपने छह बैंकरों के शेयर गिरवी रख कर जुटाए गए धन को फर्म के अपने बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया, न कि स्टॉक ब्रोकर के ग्राहक खाते में। यह सेबी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

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