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करनाल एसडीएम के आदेश पर सियासत हुई तेज, अधिकारियों ने लिया एसडीएम का पक्ष

एसडीएम आयुष सिन्हा का पक्ष लेते हुए अफसरशाही ने भी उनका समर्थन किया है। इस पूरे मामले को मध्य नजर रखते हुए अधिकारियों से लेकर कई मंत्रियों ने हरियाणा के सीएम को फीडबैक भी दिया है कि करनाल के एसडीएम का यह तरीका उचित था।

पंचकूला : हाल ही में करनाल के एसडीएम के द्वारा किसानों का खून बहाने का आदेश देना काफी महंगा पड़ता नजर आ रहा है। वहीं इस पूरे मामले में सियासत भी गर्म होती दिखाई पड़ रही है। एक तरफ जहां करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के आदेश को लेकर हरियाणा सरकार अपने स्टैंड पर कायम है। तो वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकट इस घटना को लेकर अधिकारी के निलंबन की मांग पर अड़े हुए हैं।

एसडीएम आयुष सिन्हा का पक्ष लेते हुए अफसरशाही ने भी उनका समर्थन किया है। इस पूरे मामले को मध्य नजर रखते हुए अधिकारियों से लेकर कई मंत्रियों ने हरियाणा के सीएम को फीडबैक भी दिया है कि करनाल के एसडीएम का यह तरीका उचित था।

वरिष्ठ अधिकारियों ने एसडीएम आयुष सिन्हा का पक्ष लेते हुए बताया कि जब वह फ्रेंड में होते हैं, तो कई बार उन्हें ऐसी कुछ परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। जिसमें उन्हें स्पष्ट आदेश देना होता है। ऐसे में एसडीएम की शब्दावली गलत हो सकती है मगर एसडीएम के एक्शन को गलत नहीं माना जा सकता है।

वहीं, इस पूरे मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी अधिकारियों और अपने मंत्रियों के तर्क से सहमत हैं। मगर प्रदेश की डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला करनाल के एसडीएम पर कार्रवाई की बात को लेकर अडिग हैं। ऐसे समय पर हरियाणा के गठबंधन सरकार का क्या निर्णय होगा, यह देखना उचित होगा।

बता दें, बीते कुछ समय पहले पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद दुष्यंत ने कड़ी कार्रवाई की मांग की थी और सरकार ने भी उनकी मांग मानते हुए संबंधित अधिकारी पर गाज गिराई थी। लेकिन इस बार सरकार क्या करेगी इस पर किसानों से लेकर विपक्ष तक की नजरें टिकी हुई है।

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