
उत्तराखंड : सीएम तीरथ सिंह रावत ने किया स्वास्थ्य कर्मियों को सैल्यूट
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सोमवार को नई टिहरी में रहे। यहां उन्होंने जिला अस्पताल बौराड़ी का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अस्पताल को रेफर सेंटर न बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक सप्ताह के अंतर्गत अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज टिहरी दौरे के दौरान टीएचडीसी इंजीनियरिंग कॉलेज बीपुरम पहुंचकर जिला प्रशासन द्वारा संचालित 450 बेड युक्त कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीपीई किट पहन कर कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने कोविड सेंटर से निकलने के बाद अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य विभाग के उन सभी कर्मियों को सैल्यूट करते हैं जो रोजाना दो से तीन घंटों तक पीपीई किट पहनकर कोविड-19 मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 मिनट पीपीई किट के पहनने से इतनी परेशानी हो रही है तो रोजाना मरीज़ों की सेवा और उपचार कर रहे प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मी कैसे इन परेशानियों को झेलते होंगे, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड केयर सेंटर को लेकर पहले से ही निर्देश दिए गए हैं कि कोविड मरीज़ों का बेहतर उपचार के साथ ही बेहतर भोजन और अन्य सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह कोविड केयर सेंटर के निरीक्षण के लिए पहुंचे तो उस समय भी मरीजों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु काढ़ा इत्यादि दिया जा रहा था। प्रदेश में ऑक्सीजन युक्त अस्पतालों की व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
प्रदेश में कई नए ऑक्सीजन प्लांट को भी मंजूरी मिली है, सरकार का लक्ष्य है कि छोटे अस्पतालों में भी ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा विकसित की जाए। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज (कोविड केयर सेंटर) भागिरथीपुरम में 450 बेड की क्षमता वाले इस सेंटर में सुविधाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की सराहना की। कहा कि कोविड सेंटर में साफ- सफाई, भोजन, मनोरंजन के साथ-साथ मरीज के लिए दिन में दो बार काढ़े की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में इस कोविड सेंटर में 8 कोविड मरीज भर्ती हैं। जिसमें से 3 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। सेंटर से अब तक 40 व्यक्ति उपचार के उपरांत घर जा चुके हैं। सेंटर में 450 बेड में से 100 पर ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था है।