
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी ओबीसी कानून को हरी झंडी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस ओबीसी कानून को हरी झंडी दे दी है जिसे बीजेपी ने बनवाया है। इस कानून में राज्यों को भी कुछ राहत मिली है जिनमें अब राज्य अपने यहां की परिस्थितियों के अनुसार अलग से ओबीसी समाज की सूची तैयार कर पाएंगे।
भाजपा का इस विधानसभा चुनावों का मेन फोकस ओबीसी वर्ग है जिसके चलते बीजेपी अपना ओबीसी कार्ड खेल चुकी है। जिसकी झलक हमें इस बार के मंत्रिमंडल में दिख ही गई है। जिसमें ज्यादातर लोग ओबीसी वर्ग से आते हैं। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस ओबीसी कानून को हरी झंडी दे दी है जिसे बीजेपी ने बनवाया है।
इस कानून में राज्यों को भी कुछ राहत मिली है जिनमें अब राज्य अपने यहां की परिस्थितियों के अनुसार अलग से ओबीसी समाज की सूची तैयार कर पाएंगे। यह कानून 105 वे संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत है जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है जो राज्य को अपने यहां सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने का अधिकार देता है।
इस संविधान संशोधन अधिनियम को 11 अगस्त को संसद में सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के सामने पेश करने के बाद 18 अगस्त को पूर्ण रूप से मंजूरी मिलने के बाद विधि व न्याय मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। आपको बता दें कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट की दखल के चलते सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल केंद्र को यह अधिकार है कि वह ओबीसी वर्ग समुदाय की सूची तैयार कर सके।
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