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Punjab Election 2022 : जानिए पंजाब चुनाव में भगवंत मान को सीएम प्रत्याशी चुनने के पीछे क्या है आप का बड़ा खेल?

पंजाब में आप ने कुछ ऐसे फैसले लिए जिसने पार्टी के लोगों में मनमुटाव शुरू हो गया। दरअसल आप ने अन्य दलों से आने वाले 56 नेताओं को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। इसके बाद से आम आदमी पार्टी पर दिल्ली की टीम का ठप्पा लगना शुरू हो गया था। लेकिन दिल्ली सीएम ने समझदारी दिखाते हुए भगवंत मान को पंजाब का सीएम का चेहरा बना दिया। जिससे दिल्ली की टीम का ठप्पा मिट गया।

 

पार्टी में पड़ गय़ी थी फूट

जाहिर है आम आदमी पार्टी ने अपनी शुरुआत दिल्ली से की। जहां दो बार से सत्ता का स्वाद भी चख रही है। तो अगर पंजाब में दिल्ली की टीम का ठप्पा लगा तो इसे मिटाना दिल्ली सीएम के लिए गले का फांस थी। असल में पंजाब में दिल्ली की टीम का इस कदर विरोध शुरू हो गया था कि, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने टिकटों की बिक्री का आरोप तक लगा दिया था। दिल्ली के नेताओं का विरोध शांत करने के लिए केजरीवाल के चाणक्य माने जाने वाले संदीप पाठक से सलाह ली। और संदीप ने सियासी दांव खेला भी। बता दें कि, संदीप पाठक ने ही दिल्ली के पिछले चुनाव का चक्रव्यूह तैयार किया था। जिसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी भेद नहीं पाए थे।

केजरीवाल के चाणक्य है संदीप पाठक

संदीप ने लंदन से स्नातक किया है। इसके बाद प्रशांत किशोर केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर चुके हैं। बता दें कि, दिल्ली की तरह पंजाब में भी आप का पूरा गणित संदीप पाठक ने तैयार किया है। आप ने मालवा को तीन हिस्सों में और दोआबा और माझा को मिलाकर पंजाब के पांच जोन बनाए हैं। जिसमें हर जोन का इंचार्ज दिल्ली और बाहरी राज्य से आए लोगों को दिया था।

दूसरी पार्टी के नेताओं को टिकट देना बनी गलती

हालांकि आप के पास टिकटों के आवेदन को लेकर लंबी कतार थी। लेकिन पार्टी ने 56 ऐसे नेताओं को टिकट दे दिया। जो दूसरी पार्टियों से आए थे। जिसने आप में फूट पैदा कर दी। पार्टी में जमीनी स्तर पर वालंटियर दिल्ली की टीम पर गुस्सा निकालने लगे थे। कई नेताओं ने इस्तीफे की भी पेशकश कर दी थी।

संदीप ने दी थी ये सलाह

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संदीप पाठक ने केजरीवाल को सलाह दी थी कि, अगर पंजाब के ही किसी चेहरे को सीएम का चेहरा बनाया जाता है। तो दिल्ली की टीम के लिए गुस्सा कम हो सकता है। जिसको लेकर संदीप पाठक ने  पटकथा तैयार की। और आम लोगों की इसमें भागीदारी तय कर एक उत्सव बनाकर भगवंत मान की घोषणा की। इसमें आम आदमी पार्टी काफी हद तक सफल भी हुई है।

 

आशू बंगड़ ने लगाया था प्रताड़ना का आरोप

फिरोजपुर से उम्मीदवार आशू बंगड़ ने तो पार्टी तक छोड़ दी थी। उन्होंने इल्जाम लगाया था कि, दिल्ली की टीम उनको मानसिक प्रताड़ना दे रही है। 2017 के चुनावों में आम आदमी पार्टी सर्वेक्षण में काफी आगे चल रही थी। जिसके बाद दिल्ली से आए संजय सिंह और दुर्गेश पाठक ने कमान संभाली। और नतीजा पॉजीटिव होने के बजाय निगेटिव हो गया। और आगे चलने वाली आप महज 25 सीटों पर सिमट गयी।

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