
नहीं थमेगा किसान आंदोलन, होंगी ताबड़तोड़ ट्रैक्टर मार्च
अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए 26 जून को एकबार फिर किसान इकट्ठे हुए और अपने हक की लड़ाई के लिए आवाज बुलंद की. कोरोना की वजह से किसान आंदोलन की रफ्तार धीमी पड़ गई थी. लेकिन अब धीरे-धीरे किसान आंदोलन की रफ्तार तेज हो रही है. किसानों के मुखिया राकेश टिकैत ने दो और ट्रैक्टर मार्च की घोषणा कर दी है.
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय राकेश टिकैत ने बार्डर पर मीडिया को संबोधित किया.
टिकैत ने कहा कि नौ जुलाई को शामली और बागपत जनपद के किसान ट्रैक्टर मार्च लेकर दिल्ली की ओर बढ़ेंगे. 10 जुलाई को यह ट्रैक्टर मार्च सिंघु बार्डर पहुंचेगा. उसके बाद 24 जुलाई को एक और ट्रैक्टर मार्च बिजनौर और मेरठ जनपद के किसान निकालेंगे. 24 जुलाई की रात को ट्रैक्टर मार्च का पड़ाव मेरठ के सिवाया टोल पर होगा. फिर 25 जुलाई को मार्च गाजीपुर बार्डर पहुंचेगा. फिलहाल दो ट्रैक्टर मार्च तय किए गए हैं. आगे भी इसी तरह मार्च दिल्ली की ओर आते रहेंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपने साथियों को छुड़ाने के लिए कुछ नहीं करने जा रहे हैं. सरकार उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजे या फिर उप राज्यपाल से मुलाकात कराए. ऐसा नहीं होता है. हम देश में आंदोलन तेज करेंगे.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि दिल्ली में उपराज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे भाकियू राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह समेत कुछ किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं देहरादून में भी राजभवन जा रहे किसानों को हिरासत में लिया गया है. किसानों को या तो रिहा किया जाए या तिहाड़ जेल भेजा जाए. अन्यथा किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे. यह कैसा लोकतंत्र है, जहां कोई अपना ज्ञापन भी नहीं दे सकता. कोविड गाइडलाइन में राहत मिलने पर देशभर में आंदोलन तेज करेंगें.