
प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज SGPGI के विशेषज्ञों की निगरानी में की जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में निर्देश दिया है।
राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार टीम के अध्यक्ष SGPGI के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्होंने 12 वरिष्ठ चिकित्स विशेषज्ञों की टीम गठित की है। इस टीम में नेत्र, नाक, कान, गला विभाग के विशेषज्ञ सहित अन्य शामिल हैं।

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ब्लैक फंगस के इलाज का प्रोटोकॉल भी एसजीपीजीआई ने तय किया है। ऐसे में अब निर्देश दिया गया है कि लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, एसजीपीजीआई के विशेषज्ञों के सुपरविजन में होगा।
वहीं कोरोना के बाद राजधानी में अब ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है। 12 दिन में इसके 240 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 21 दम तोड़ चुके हैं। वहीं, 70 से ज्यादा ऑपरेशन और डॉक्टरों की मशक्कत के बावजूद सिर्फ 10 मरीज ही अब तक ठीक हो सके हैं। इसका बड़ा कारण दवाओं के संकट के साथ बीमारी का लंबा इलाज होना भी है। डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस के मरीज को उबरने में औसतन 15 से 30 दिन का समय लग जाता है।
वहीं कोरोना के बाद राजधानी में अब ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है। 12 दिन में इसके 240 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 21 दम तोड़ चुके हैं। वहीं, 70 से ज्यादा ऑपरेशन और डॉक्टरों की मशक्कत के बावजूद सिर्फ 10 मरीज ही अब तक ठीक हो सके हैं। इसका बड़ा कारण दवाओं के संकट के साथ बीमारी का लंबा इलाज होना भी है। डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस के मरीज को उबरने में औसतन 15 से 30 दिन का समय लग जाता है।