
दिखें अगर यह लक्षण तो समझ जाएं कि आपकी आंत में हो रही है समस्या
जितनी रफ्तार से वक्त बदल रहा है उतनी ही तेजी से लोगों का खान-पान भी बदलता देखा जा रहा है बदलते हुए खानपान के चलते लोगों को कई प्रकार की पेट से जुड़ी समस्याएं जन्म ले रही हैं देखा जाए तो जो समस्या एक समय पर 40 साल के बाद शुरू होती थी वह अब युवाओं में अभी देखने को मिलती है, जिसमें कब्ज एक ऐसा नाम है जो बहुत आम हो गया है।

हर युवा वर्ग में पाचन संबंधित समस्याएं देखने को मिल जाती है। इसको अगर जीवन शैली में लापरवाही ना कहा जाए तो इसके अलावा इस बीमारी का कोई और कारण नहीं अहम होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में बेवक्त लोग खाना खाते हैं और उल्टा सीधा खाते हैं ऐसे में आदतें पाचन क्रिया को बिगाड़ देती है और पेट से जुड़ी समस्याएं जन्म लेना शुरु कर देती है। अनियमित खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली, पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है. इससे पेट और आंत कमजोर पड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
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इंसान के शरीर में हर अंग का अपना एक अलग महत्व होता है जिसके बिना शरीर अधूरा होता है जिस प्रकार से इंसान का मस्तिष्क काम करता है ठीक उसी प्रकार इंसान के शरीर के हर अंग का एक अपना काम होता है प्राण पॉइंट्स की संपादक डिंपल जांगड़ा का कहना है कि आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना.
उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 70% से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है. वहीं अगर आयुर्वेद की मानी जाए तो उसमें साफ कहा गया है कि अच्छा आहार अच्छी सेहत के लिए कुंजी होता है अगर पाचन क्रिया दुरुस्त है तो शरीर और मन दोनों ठीक तरह से काम करते हैं.
‘द कादम्ब ट्री’ की को-फाउंडर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आंत को लेकर अहम जानकारी साझा की है. आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ आंत, अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और खुशी की कुंजी है. डॉ दीक्सा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर बताया है कि किस तरह से एक स्वस्थ आंत बेहतर सेहत के लिए महत्वपूर्ण होती है। आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है.
चिंता से लेकर, तनाव, पर्याप्त भोजन न मिलना और व्यायाम की कमी और एक गतिहीन जीवनशैली (जिसमें कोई फिजिकल एक्टीविटी न हो) हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं. भूख से अधिक खाना या अनियमित भोजन करना, कुछ भी ऊट-पटांग खा लेना भी खराब पाचन का कारण हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास रखने से या भूखा रहने से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
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क्या होते हैं लक्षण ?
•अगर किसी व्यक्ति को पेट में भारीपन महसूस होता है और पेट ढंग से साफ नहीं होता है तो यह कब्ज के लक्षण होते हैं।
• अगर आपको दिनभर आलस आती है और एनर्जी फील नहीं होती है तो यह कहीं ना कहीं आपकी आंत के कमजोर होने की निशानी है।
•अगर आप लंबे समय से अपना वजन घटाने का प्रयास कर रहे हैं और आपको सफलता नहीं मिल रही है वजन कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है तो इसमें भी आपकी आंत कहीं ना कहीं जिम्मेदार है।