
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा ने गठबंधन ना करने का लिया फैसला
सर्व समाज प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरेगी बसपा
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के साथ दूसरे दल भी चुनाव की जोरदार तैयारी में जुटे गए हैं। सभी दलों ने अपने परंपरागत वोट बैंक को सहेजने के साथ ही दूसरे दल के वोट पर भी अपनी निगाह गड़ा रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया है। बसपा का लक्ष्य सर्वसमाज के प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने का हैं। जिसके चलते पार्टी जातीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। जिसकी शुरुआत ब्राह्मण सम्मेलन से होगी।
विधानसभा चुनाव से पहले बसपा ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन का फैसला किया है। पहला ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई को अयोध्या में किया जायेगा। ब्राह्मण सम्मेलन की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी गई है।
बसपा प्रमुख मायावती के घर पर शुक्रवार 16 जुलाई को प्रदेश भर से बसपा से जुड़े दो सौ से ज्यादा ब्राह्मण नेता आए थे। जिसके बाद प्रदेश भर में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजन का फैसला लिया गया। बसपा दोबारा 2007 विधानसभा चुनाव की तरह ही ब्राह्मणों को फ्रंट पर लाकर अपने परंपरागत वोट बैंक से सत्ता पर हासिल करने की तैयारी में है।
उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए संगठन को मजबूत करने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर प्रमुख सेक्टर प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया। बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए एक बार फिर पिछले दिनों मुख्य सेक्टर प्रभारियों को सौंपे गए दायित्व में बदलाव किए गए और नए सिरे से जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डा. अशोक सिद्धार्थ और डा. विजय प्रताप गौतम को कई मंडलों का दायित्व सौपा गया है। अशोक सिद्धार्थ को कानपुर मंडल की जगह प्रयागराज में लगाया गया है,जबकि भीमराव अंबेडकर को प्रयागराज से हटाकर कानपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है।
मुनकाद अली और रामजी गौतम के साथ अशोक सिद्धार्थ लखनऊ मंडल का काम भी देखते रहेंगे। डा. सिद्धार्थ के साथ डा. विजय प्रताप, अशोक कुमार गौतम, अमरेंदर पासी, राजू गौतम, दीपचंद्र गौतम को प्रयागराज में लगाया गया है।
भीमराव के साथ हेमंत प्रताप व नौशाद अली कानपुर मंडल में रहेंगे। डा. विजय प्रताप के साथ अशोक गौतम, बी सागर व राज नरायण निराला मिर्जापुर मंडल में और डा. विजय प्रताप गौतम के साथ रामचंद्र गौतम, अमरजीत व इंदल राम को वाराणसी मंडल में लगाया गया है।
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