
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
भारत देश में कोरोना वायरस सभी के लिए बड़ी चिंता है खड़ी कर चुका है। इसकी वजह से हर कोई परेशान हो गया है। बढ़ते हुए कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2020 में लॉक डाउन का ऐलान किया था। लॉक डाउन की शुरुआत तो हो गई थी लेकिन इसके बाद लॉकडाउन के साथ-साथ कई लोगों की परेशानियों की भी शुरुआत हुई थी। लोगों के पास नौकरी और खाने की सबसे बड़ी समस्या थी। यही नहीं इसके अलावा भी कई ऐसी समस्याएं थी जिनको दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नई योजना लेकर आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक नई योजना की शुरुआत की गई थी जिसका नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( Pradhanmantri Gareeb Kalyan Yojana ) है। जैसा कि नाम से सिद्ध होता है यह योजना खासतौर पर गरीबों के कल्याण के लिए बनाई गई। आज हम आपको इसी योजना के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं और साथ ही साथ ही यह भी बताएंगे कि किस प्रकार आप इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना?
भारत देश में कोरोना वायरस के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक विशेष कदम उठाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉक डाउन का आरंभ किया था ताकि भारत देश में कोरोना वायरस न फैल सके। लेकिन यह लॉकडाउन लोगों के लिए कई परेशानियां भी अपने साथ लेकर आया था। जैसे कि कई लोगों की नौकरी चली गई और कई लोगों को ठीक से खाना भी नसीब नहीं होता था। लोगों की इन्हीं परेशानियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के लिए एक और नई योजना लेकर आए। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhanmantri Gareeb Kalyan Yojana) है।
देश में गरीबों का ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत मार्च 2020 में की थी।पीएम मोदी ने 25 मार्च को देश में पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसके अगले दिन ही यानी की 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (Pradhanmantri Gareeb Kalyan Yojana) की घोषणा की थी। इस योजना में गरीबों को तीन महीने मुफ्त राशन और नकद राशि उपलब्ध कराना शामिल था। लेकिन यह योजना लॉकडाउन के समय नहीं लगी थी बल्कि यह योजना इससे पहले ही घोषित की जा चुकी थी। दरअसल साल 2016 में लगी हुई नोटबंदी की वजह से भारत देश में कई लोग परेशान हो गए थे। नोटबंदी से लोगों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की थी।ये योजना खास तौर से ऐसे लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह योजना शुरू करने के बाद 30 दिसंबर 2016 तक चलाने की योजना रखी थी।
क्या थे योजना के उद्देश्य और कार्य?
जैसा कि यह योजना नोटबंदी के बाद शुरू की गई थी तो इस योजना का मुख्य उद्देश्य काले धन वाले लोगों का खुलासा करके उनका पैसा गरीबों के कल्याण में लगाना था। इस योजना के कुछ मुख्य कार्य प्रकार हैं–
1.योजना के तहत अघोषित आय की जानकारी देने वाले व्यक्ति पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स, 10 फीसद पेनाल्टी और कर राशि का 33 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा।
- काले धन में से 50 फ़ीसदी धन सरकार के पास आ जाएगा।
3.25 फीसद काले धन की राशि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण डिपॉजिट स्कीम 2016’ में चार साल के लिए जमा होगी।
4.योजना से आने वाली राशि को सिंचाई, आवास, शौचालय, ढांचागत सुिवधाएं, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य और आजीविका जैसे कामों पर खर्च किया जाएगा।
क्या है 2020-21 में योजना का उद्देश्य?
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक के लिए देश में लॉकडाउन में बढ़ा दिया था। ऐसे में देश के गरीब लोगों को रोजगार और राशन तक की समस्या का सामना करना पड़ा। छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों की इनकम एक दम बंद हो गई और इसीलिए इस बीच सरकार ने ऐसे लोगों की मदद के लिए खास योजना का ऐलान किया है। यह योजना गरीब कल्याण योजना है जिसके तहत उन्हें राशन, पैसा और गैस सिलेंडर तक दिया जाएगा। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था।
इस योजना के अंतर्गत एक और योजना थी जिसका नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना था। इस योजना में गरीबों के लिए राशन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी।अब तक इस योजना के तहत 2020 में अप्रैल में 93% , मई में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को अनाज प्रदान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सभी गरीब, जिनके पास राशन कार्ड है वह सरकार के द्वारा दिया हुआ राशन ले सकते हैं। राशन कार्ड में लिखे हुई परिवार सदस्यों के अनुसार प्रति व्यक्ति राशन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 32.32 करोड़ लोगों को पैसे प्रदान किए हैं। इन लोगों को 13 अप्रैल तक कुल 29,352 करोड़ रुपये की राशि बतौर सहायता प्रदान की गई है।
सरकार द्वारा कोरोना महामारी के समय गरीबों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 26 मार्च 2020 में लागू किया गया था जिसके तहत देश के लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की गई थी। अब इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस स्कीम के अंतर्गत कोरोना वॉरियर्स के लिए बीमा कवर भी शुरू किया गया है।मंत्रालय समेत बीमा कंपनियों द्वारा नए बीमा कवर में कोरोना योद्धाओं को ₹50 लाख तक का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश कोरोना वॉरियर्स में मनोबल को बढ़ाना है।इसके तहत गरीब सीनियर सिटीजन, विधवा और दिव्यांग को हर महीने 500 रुपए मिलते हैं।
कितना हुआ योजना में काम?
इस योजना के अंतर्गत सरकार का काम काफी सराहनीय है। योजना की शुरुआत लॉक डाउन के बाद ही की गई जिसमें कि कई गरीबों को अनाज वितरित किया गया। उनको राशन दिया गया वह भी बहुत ही कम दामों में और इसी के साथ साथ उनको धनु राशि भी दी गई। इस अच्छे काम के साथ-साथ एक और सवाल सामने आता है। सरकार को नोटबंदी के बाद मिली हुई धनराशि का कोई पुख्ता सुबूत नहीं है। इसका मतलब यह है कि सरकार को काले धन का मिला हुआ पैसा सही जगह लगाया गया इस बात का भी सुबूत नहीं है। इसी वजह से भारत की सरकार के ऊपर कई सवाल भी उठते हैं। सरकार को इन सवालों के सटीक जवाब देने चाहिए और साथ ही साथ अपने कार्य में ट्रांसपेरेंसी यानी की पारदर्शिता भी रखनी चाहिए।