
गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ी, ख़ारिज हुई जमानत अर्जी
समय सीमा के भीतर ही परिवाद दाखिल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही और वह दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा परिवाद को निर्धारित समय सीमा के बाद दाखिल करने को आधार बनाकर उनकी जमानत दिए जाने वाली अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट का मानना है कि समय सीमा के भीतर ही परिवाद दाखिल किया जाता है।
बता दें कि 8 अप्रैल 2021 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गायत्री प्रजापति पर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है वही ईडी ने जांच के दौरान गायत्री प्रजापति के यहां से हैं 37 करोड़ की संपत्ति जप्त की है। यह सभी संपत्तियां राजधानी लखनऊ से सटे कुछ शहरों में हैं।
गौरतलब है कि जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया कि दंड प्रक्रिया संहिता मैं प्रधान इस समय सीमा के अंदर ही परिवाद दाखिल किया जाता है लिहाजा गायत्री की अर्जी खारिज करने लायक है। गायत्री प्रजापति को वारंट के जरिए तलब किया गया था इसके बाद फरवरी में गायत्री को राशन में लिए जाने के बाद से अभी तक जेल में है।