
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुलडोजर की खूब चर्चा हुई और योगी सरकार की वापसी के साथ ही ‘बुलडोजर’ की भी वापसी हो गई। मुख्यमंत्री को ‘बाबा बुलडोजर’ नाम भी मिला और सरकार बनने के तुरंत बाद से ही बुलडोजर तेजी से चलने लगा। अब बुलडोजर की कार्यवाही की इतनी तारीफ हुई कि कुछ अधिकारियों ने इसका गलत इस्तेमाल भी शुरू कर दिया। ऐसे में सीएम योगी को बुलडोजर को लेकर सख्त निर्देश देने पड़ गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि किसी गरीब की दुकान, झोपड़ी या ठेले पर बुलडोजर नहीं चलेगा। ये कार्रवाई सिर्फ पेशेवर माफिया और दुर्दांत अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर ही होगी।
किसी गरीब की झोपड़ी पर न चले बुलडोजर
उन्होंने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई अपराधी, पेशेवर माफिया या भ्रष्टाचार की काली कमाई से बनाई गई अवैध संपत्तियों पर ही हो। अगर किसी गरीब या व्यापारी की संपत्ति पर कोई भू-माफिया कब्जा करता है तो उसके विरुद्ध बुलडोजर चलना चाहिए, ना कि किसी गरीब की झोपड़ी पर।
असल में, दो दिन पहले ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कर्मचारियों ने परी चौक के पास जेसीबी से एक गरीब के ठेले को तहस-नहस कर दिया था। वह गरीब युवक अपने ठेले को न तोड़ने की गुहार लगाते हुए जेसीबी के नीचे लेट गया, लेकिन इन सरकारी कर्मचारियों को इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। जब इन सबकी की तस्वीरें वायरल हुईं तो बुलडोजर की कार्रवाई पर लोगों ने सवाल उठाया था।