
पाताल भुवनेश्वर गुफा के लिए केंद्र सरकार की नई पहल, प्रदेश सरकार के सामने रखा ये प्रस्ताव
उत्तराखंड। उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ में स्थित विश्व् प्रशिद्ध मंदिर पाताल भुवनेश्वर गुफा के अब अच्छे दिन दुर नहीं हैं। इस गुफा के सुंदरीकरण के लिए केंद्र सरकार ने अपने हाथ आगे बढ़ाये हैं। केंद्र के पर्यटन मंत्रालय ने इस गुफा के साथ ही जिले के दो मंदिर और ध्वज मंदिर तक रोप-वे लगाने का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार के सामने रखा है।
प्रदेश के पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह से मुलाकात की। उन्होंने सीमांत जिले के धार्मिक पर्यटन स्थलों की जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री को दी। मंत्री चुफाल ने बताया की विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा को देखने के लिए देश- विदेश से दुनियाभर के पर्यटक पहुंचते हैं। इसके सुंदरीकरण की आवश्यकता है। पेयजल मंत्री ने सीमांत जिले के जयंती मंदिर में रोप वे लगाए जाने और पौराणिक सूर्य मंदिर और मलयनाथ मंदिर के सुंदरीकरण की मांग भी केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के सम्मुख रखी।
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री पाताल भुवनेश्वर गुफा के सुंदरीकरण और अन्य कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाने को कहा। पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने बताया कि जल्द ही गुफा और मंदिरों के सुंदरीकरण के साथ ही ध्वज मंदिर तक रोप वे लगाने का कार्य होगा। इससे सीमांत जिले में पर्यटन विकास की गति तेज होगी।
आपको बता दें की पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा का अस्तित्व वर्षों पुराना है । यह मंदिर समुद्र्रतल से करीब 90 फीट नीचे स्थित है। इस मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए बहुत ही कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता है। यहाँ की ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग में इस गुफा की खोज राजा ऋतुपर्णा ने किया था। उन्होंने भगवान शिव के दर्शन किए पर इसकी कभी किसी से चर्चा नहीं की। बाद में पांडवों द्वारा इसे वापस खोजा गया। कलियुग में आदि शंकराचार्य ने इसकी खोज कर सर्वसुलभ बनाया। इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं।