
कानपुर नगर निगम सदन में बवाल के बाद कलाकृति JCB से ढहाई, जानें क्या है मामला
कई सालों से लोगों को शर्मसार करने वाली कथित ‘कलाकृति’ को आखिर जेसीबी से ढहा दिया गया । इससे पहले पार्षद राशिद आरफी इस असहज करने वाली कलाकृति का पोस्टर लेकर कानपुर नगर निगम सदन में लेकर पहुंच गए। इस पर हंगामा हुआ और महापौर प्रमिला पांडेय ने उन्हें सदन से निष्कासित कर दिया। कुछ देर बाद ही नगर निगम की टीम हसरत मोहानी चौक पहुंच गई और विचित्र आकार वाली विशाल कलाकृति गिरा कर तोड़ दी।
आपको बता दे कि पांच साल पहले मौलाना हसरत मोहानी के नाम चौराहा बनाया गया था। नगर निगम ने उनकी स्मृति में लगभग 4 लाख की लागत से कलाकृति बनाने का निर्णय लिया था। पांच साल पहले इसका निर्माण करवाया था । यहाँ मछली की कलाकृति बननी थी पर ठेकेदार ने इसे अधूरा छोड़ दिया। इससे यह मछली की जगह विचित्र आकार की दिखने लगी। लोग इसे देख कर नजरें फेर लेते थे। उधर ठेकेदार अधूरा काम छोड़कर चला गया। नगर निगम ने उसका भुगतान तो रोक दिया मगर कलाकृति नहीं हटाई। डेढ़ साल पहले बीजेपी पार्षद राशिद आरफी ने इसे ध्वस्त करने की मांग की थी। सोमवार को सदन में इस कलाकृति की तस्वीर लेकर पहुंचे तो पार्षदों ने ही इसका जमकर विरोध कर दिया। यह कहा कि पोस्टर और फोटो लाने की क्या जरूरत थी। पार्षदों ने पार्षद के हाथ से पोस्टर छीनने की कोशिश की। सदन की बैठक स्थगित कर दी गई। जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो महापौर ने राशिद आरफी को छह माह के लिए सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।और फौरन बाहर जाने को कहा। हालंकि कुछ देर बाद ही जोन एक के अभियंता और प्रभारी समेत टीम पहुंची और कलाकृति को ढहा दिया।
पार्षद राशिद आरफी कहते हैं कि हसरत मोहानी जैसी महान शख्सियत के नाम पर बने चौक पर इस तरह की कथित कलाकृति से हर रोज लोग शर्मसार होते थे। भले ही पोस्टर और फोटो ले जाने पर सदन से मेरा निष्कासन हो गया हो मगर मुझे इस कार्रवाई पर गर्व है क्योंकि अब इस इलाके के लोग सिर झुकाकर नहीं गुजरेंगे।