
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व जहां अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वही संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टियों के द्वारा कई तरह के सिया शिकायत कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में खबर सामने आ रही है कि कुंडा के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं जिसको लेकर आप राजनीति के सियासी गलियारों में भी चर्चाएं तेज होने लगी हैं।
दरअसल 2022 विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों के लिए करो या मरो की स्थिति वही सत्ताधारी बीजेपी के लिए चुनाव बचा पाना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी कई तबकों को साथ लेकर चुनाव में आना चाहती है जिसके सहारे उसके लिए 2022 विधानसभा चुनाव की राह आसान हो जाए।
बीजेपी से गठबंधन का 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं राजा भैया
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से हर बार निर्दल विधायक रहने वाले राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी गठबंधन कर सकती है। इसको लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चा भी तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में इसकी घोषणा की जाएगी। 10 सीटों पर राजा भैया की पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनाव लड़ने के लिए आ सकती है।
वैसे आपको बता दें कि राजा भैया की पार्टी का अभी उत्तर प्रदेश में कोई वास्ता नहीं है लेकिन वह पहले भाजपा और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं अब उन्होंने अपनी पार्टी भी स्थापित कर ली है। इतना ही नहीं कुछ समय पूर्व एक टीवी साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि समान विचारधारा वाली पार्टियों के लिए विकल्प खुले हैं। वही योगी सरकार की तारीफ करते हुए राजा भैया ने कहा कि योगी सरकार ने प्रदेश में काम काज अच्छा किया है जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि राजा भैया भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
विपक्षी दलों ने खड़े किए सवाल
राजा भैया और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चाओं के बीच विपक्ष के नेताओं ने सवाल खड़े करने शुरू कर दी है। विपक्ष ने साफ तौर पर काहे की अब बीजेपी किसी भी दल के साथ गठबंधन कर लेकिन 2022 में उत्तर प्रदेश की जनता मूड बना चुकी है। अब देखना यह होगा कि 2022 विधानसभा चुनाव के परिणाम आखिर किस राजनीतिक दल को परिणाम तक पहुंचाते हैं ।