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क्या है भारतीय क्रिकेटर लोकेश राहुल की कहानी, ऐसे हुआ टीम में सेलेक्शन 

यदि बात भारत की हो रही हो और उसमें क्रिकेट की बात ना हो तो चर्चा ही अपने आप मे अधूरी सी लगती है. यहाँ लोग क्रिकेट को धर्म की तरह पूजते हैं और क्रिकेटर्स को भगवान की तरह. क्रिकेट के प्रति इसी दीवानगी ने हमारे देश में कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स को जन्म दिया। जिनमें से आज हम एक ऐसे ही प्रतिभाशाली क्रिकेटर की बात करेंगे जो अपने करियर के प्रारंभिक दौर में है. उसने अपने प्रदर्शन के बल पर आज हर क्रिकेट के दीवानों के जहन में अपना नाम अंकित कर दिया है. आज हम बात कर रहे हैं लोकेश राहुल की.

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के.एल. राहुल का पूरा नाम कन्नूर लोकेश राहुल है. इनका जन्म 18 अप्रैल 1992 को कर्नाटक के मंगलूर नामक शहर में हुआ. इनके पिता का नाम केएन लोकेश और माता का नाम राजेश्वरी है. के एन लोकेश नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक में एक प्रोफेसर और कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं.

इनकी मां राजेश्वरी मैंगलोर यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. इनके पिता के अनुसार के.एल. राहुल ने अपना क्रिकेटिंग करियर 11 वर्ष की उम्र पर शुरू कर दिया था.

लोकेश राहुल का करियर (KL Rahul Career)

21 टेस्ट, 10 ODI और 56 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलने वाले के.एल. राहुल घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक टीम की तरफ से खेलते हैं. लोकेश राहुल ने अपने घरेलू करियर की शुरुआत सन 2010-11 में कर्नाटक की तरफ से की. इसी वर्ष अंडर-19 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा बने.

2014-15 की दिलीप ट्रॉफी में साउथ जोन की तरफ से खेलते हुए सेंट्रल जोन के खिलाफ पहली इनिंग में 233 गेंद पर 185 रन और दूसरी इनिंग में 152 गेंदों पर 130 रन की शानदार पारी खेली. इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी साउथ जोन,सेंट्रल जोन से 9 रन से हार गई लेकिन इनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया तथा इनका सिलेक्शन ऑस्ट्रेलिया टूर में जाने वाली भारतीय टीम में हुआ. यही से इनकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में की.

इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में के.एल. राहुल ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और शानदार 110 रन की पारी खेलकर अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया. ये भारत के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने वनडे क्रिकेट के पदार्पण मैच में शतक लगाया. इन्होंने वनडे करियर की शुरुआत जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे में की थी. जिसमें इन्होंने शानदार शतकीय पारी खेली. यह भारत के तीसरे ऐसे बल्लेबाज है, जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट ODI और टी-20) में शतक लगाया है. इसके साथ-साथ यह भारतीय क्रिकेट के एकलौते ऐसे बल्लेबाज है जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपना शतक बाउंड्री(छक्के) के साथ पूरा किया है.

अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत  

एकदिवसीय (वनडे)- 11 जून 2016 जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में

टेस्ट- 26 दिसंबर 2014 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में

टी-20- 18 जून 2016 जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में

आईपीएल कैरियर(IPL Career)

राहुल आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का एक हिस्सा था, जो 2013 में एक विकेटकीपर बल्लेबाज था। 2014 में, उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 1 करोड़ रुपये में खरीदा था। नीलामी में 2016 के सत्र में, वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में लौटे। आईपीएल की नीलामी 2018 में, उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने 11 करोड़ रूपये में खरीदा था। आईपीएल 2018 में किंग्स इलेवन पंजाब के पहले मैच में, राहुल ने आईपीएल के इतिहास में सबसे तेज 50 (14 गेंदों पर) रिकॉर्ड तोड़ा जो कि पूर्व में सुनील नारायण ने किया था, जो 15 गेंदों में एक मील का पत्थर तक पहुंचा था।

पिता भी रहे कॉलेज स्तर के क्रिकेटर

अध्यापन क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद राहुल के पिता केएन लोकेश को क्रिकेट में बहुत इट्रेस्ट था। कॉलेज लेवल पर वे क्रिकेट खेला भी करते थे। बचपन में राहुल ने कई खेलों की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, जैसे कि फुटबॉल, बास्केट बॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और तैराकी आदि। लेकिन आखिरकार जिस खेल को उन्होंने गंभीरता से जीवन में अपनाने का फैसला किया वह ​था क्रिकेट। 18 वर्ष की उम्र में Lokesh Rahul कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में जैन यूनिवर्सिटी में पढ़ने चले गए ताकि अपने क्रिेकेट कैरियर पर ज्यादा ध्यान दे सकें।

सुनील गावस्कर के नाम पर बेटे का नाम रखना चाहते थे पिता

Lokesh Rahul के पिता KN Lokesh भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बहुत बड़े फैन रहे हैं। इसलिए वे अपने बेटे का नाम भी उनके नाम पर रखना चाहते थे। लेकिन नाम रखते समय उन्हें सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर का नाम दिमाग में आ गया, वो भी गलत यानी कि राहुल के रूप में। आखिरकार बेटे का नाम राहुल पड़ गया। आगे फिर उन्होंने इसे बदलने की जरूरत नहीं समझी।

Lokesh Rahul अभी अपने क्रिकेट जीवन के शुरुआती दौर में हैं। ऐसे में उनकी तुलना महान सुनील गावस्कर से करना थोड़ा जल्दबाजी होगी, लेकिन क्रिकेट विशेषज्ञों के मुताबिक उनकी बल्लेबाजी तकनीक टेस्ट क्रिकेट के लिए ज्यादा उपयुक्त है। सुनील गावस्कर के साथ कम से कम यह बात तो उनकी मेल खाती ही है। ​बेटे का नाम रखने में पिता भले ही चूक गए, लेकिन काम में बेटे के सुनील गावस्कर की छाप जरूर नजर आती है। हालांकि टवेंटी—20 मैचों में भी कई बार Lokesh Rahul  ने अवसर के मुताबिक तेज बल्लेबाजी करके खुद को एक कंप्लीट मॉडर्न बल्लेबाज साबित किया है।

रोचक जानकारियाँ

राहुल ने एक रूढ़िवादी टेस्ट बल्लेबाज के रूप में अपना क्रिकेट कैरियर शुरू किया, लेकिन आईपीएल 9 की सीज़न में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में बहुत बदलाव किया।

वह राहुल द्रविड़ को अपने आदर्श के रूप में मानते हैं।

उन्होंने बंगलौर में कर्नाटक राज्य क्रिकेट अकादमी (केएससीए) से क्रिकेट में प्रशिक्षण हासिल किया।

उनके पिता एनआईटीके इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, मंगलौर में डीन के रूप में कार्य किया करते थे।

उनके पिता सुनील गावस्कर के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उन्होंने उनके बेटे रोहन गावस्कर का नाम अपने बेटे राहुल के नाम पर रखा था।

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