
नई दिल्ली : सदन में चल रहे पेगासस जासूसी विवाद को लेकर विपक्षी दलों में चल रहे विवादों के बीच विपक्ष ने विरोध प्रकट करते हुए राजनेताओं, पत्रकारों समेत कई बड़ी हस्तियों की फोन की जासूसी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग रखी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ अन्य विपक्षी दलों ने पोस्टर और बैनरों के साथ पेगासस जासूसी के मामले पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए इसे देशद्रोह करार दिया।
कांग्रेस नेता राहुल ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल आतंकवादियों के खिलाफ किया जाना चाहिए उस स्पाइवेयर का इस्तेमाल सरकार इस देश के लोकतंत्र और यहां के नागरिकों के खिलाफ कर रही है।
मीडिया से वार्ता में राहुल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, पेगासस का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ हुआ और राफेल मामले में एफआइआर से ठीक पहले सीबीआइ के निदेशक की फोन टैपिंग की गई और उन्हें ब्लैकमेल किया गया। इस कृत्य के लिए मेरे पास एक ही शब्द है-देशद्रोह।
राहुल ने गृहमंत्री शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि सु्प्रीम कोर्ट की निगरानी में पेगासस जासूसी कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले पर गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और प्रधानमंत्री को भी जांच के दायरे में लाना चाहिए। आखिर केंद्र इस महत्वपूर्ण सवाल का जवाब क्यों नहीं दे रहा कि उसने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं, क्योंकि इसको तो केवल सरकारों को ही बेचा जा सकता है।
वहीं, जब मीडिया के द्वारा राहुल से इस जासूसी से भयभीत होने के सवाल पर उन्होंने कहा की, ‘मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं एक खुली किताब हूं। अगर आप भारत की राजनीति को समझना चाहते हैं। अगर आप भ्रष्ट हैं, चोर हैं तो आपको डर लगेगा और भ्रष्ट या चोर नहीं हैं तो मोदीजी से बिल्कुल डर नहीं लगेगा, हंसी आएगी।’