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झारखंड में वेतनमान बढ़ाने के लिए पारा शिक्षको ने किया अनशन

प्रदेश में प्रशिक्षित पारा शिक्षक वेतन वृद्धि के लिए मूल्यांकन परीक्षा नहीं कराएंगे। पारा शिक्षकों ने 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि के लिए मूल्यांकन परीक्षा का विरोध किया है। एकीकृत शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि मूल्यांकन परीक्षा वेतनमान के लिए दी गई थी, मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए नहीं। पारा शिक्षक वेतनमान की अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे और उनका संघर्ष लोकतांत्रिक तरीके से जारी रहेगा।

एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल और प्रद्युम्न कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में अधिकतम मानदेय के लिए प्रस्तावित नियमों को लेकर ही पारा शिक्षकों में भारी असंतोष है। नियमों में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिससे पारा शिक्षकों का भविष्य खतरे में है। पारा शिक्षक वेतनमान की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। प्रद्युम्न कुमार सिंह ने कहा कि वेतनमान के लिए लड़ने का फैसला 12 दिसंबर को हुई मोर्चा के सभी जिला घटकों की बैठक में बहुमत से लिया गया। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर पारा शिक्षकों की भावनाओं का पता लगाकर वेतनमान पर पुनर्विचार की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि मानदेय के लिए मूल्यांकन परीक्षा की जरूरत नहीं है। वेतनमान के लिए मूल्यांकन परीक्षा के लिए सरकार से समझौता हुआ था, लेकिन अब मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव गलत है।

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने वेतनमान के बदले मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर पारा शिक्षकों में बढ़ रही नाराजगी को देखने के लिए मंगलवार को पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक बुलाई है। शिक्षा मंत्री ने एकीकृत शिक्षक संघर्ष मोर्चा के छह प्रतिनिधिमंडलों की बैठक बुलाई है। राज्य भर में पारा शिक्षकों के विरोध को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने चर्चा का आह्वान किया है। इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने मोर्चा के संयोजकों को पत्र भेजा है। बैठक सुबह 11 बजे से शिक्षा विभाग में होगी।

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