
मायावती का बीजेपी पर हमला, बोली-अच्छे दिनों की उम्मीद में गरीबों ने लंबा समय काटा
मायावती ने कहा कि बीजेपी का ट्विटर पर फर्क साफ है पोस्टर में बसपा पर बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के बजाय जातिवादी सम्मेलन करने में व्यस्त टिप्पणी घोर अनुचित व इनकी बौखलाहट व जातिवादी सोच का प्रतीक है।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों व शोषित पीड़ितों ने अपने अच्छे दिनों की उम्मीद में ही बहुत समय व्यतीत किया है। जो बहुत चिंता की बात है। रविवार को 15 अगस्त के मौके पर मायावती ने देशवासियों बधाई दीं। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि देश की आजादी व उसके बाद मानवतावादी संविधान बना कर जो समतामूलक समाज बनाने में सभी की तरक्की का सपना देखा गया था वह अभी अधूरा है।
इस पर सही सोच व समर्पण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों के जीवन में सुख, शांति, शिक्षा, समृद्धि व रोजगार संविधान का मूल है। इसके प्रति केंद्र व राज्य सरकारों को भी जनता के दुख दर्द को समझ कर उन्हें दूर करने के लिए इधर-उधर की बातें नहीं करनी चाहिए बल्कि उस पर पूरी ईमानदारी व निष्ठा से काम करना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा मायावती ने फिर ट्वीट कर बसपा के प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी को कई दलों द्वारा जातीय सम्मेलन कहने पर आपत्ति जताई है। मायावती ने इसको लेकर दो ट्वीट किए हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इसको लेकर बीजेपी पर हमला भी बोला है।
बसपा प्रमुख मायावती ने इसको लेकर रविवार को दो ट्वीट भी किया है। मायावती ने कहा कि बीजेपी का ट्विटर पर फर्क साफ है पोस्टर में बसपा पर बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के बजाय जातिवादी सम्मेलन करने में व्यस्त टिप्पणी घोर अनुचित व इनकी बौखलाहट व जातिवादी सोच का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी का बाढ़ क्षेत्र का दौरा जनता पर एहसान नहीं बल्कि उनकी जिम्मेदारी है।
वह सिर्फ दौरा कर रहे हैं जबकि राहत गायब है। BSP के प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की यूपी के जिलों-जिलों में अपार सफलता से बौखला कर पहले इसे रोकने का सरकारी प्रयास और अब इसे जातिवादी सम्मेलन कहना बीजेपी की गलत सोच व समझ को ही प्रदर्शीत करता है, यह अति निंदनीय है।
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