
कैसे शुरू करें अपना खुद का NGO, यहां जानें पूरी जानकारी
अगर आप खुद का एनजीओ या रजिस्टर्ड कंपनी खोलने का मन बना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिये लाभकारी जरूर सिद्ध होगा। भारतीय कानून के अनुसार लाभ-निरपेक्ष एवं धर्मार्थ संस्थाओं का पंजीकरण सोसाइटी, ट्रस्ट व प्राइवेट लिमिटेड लाभ-निरपेक्ष कंपनियों या सेक्शन 25 कंपनियों के रूप में होता है।
ये लाभ-निरपेक्ष संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम करती हैं तथा इनका संचालन बोर्ड ऑफ ट्रस्टी, संचालन परिषद व प्रबंध समिति के हाथों में रहता है। संस्था खुद सदस्यों व उनकी भूमिकाओं को चुनती है। इन संस्थाओं के पास किसी भी रूप में अपने सदस्यों को वित्तीय लाभ प्रदान करने की अनुमति नहीं है। अतः ये संस्थाएं अपने सदस्यों के अलावा अन्य सभी लोगों की मदद करती हैं और इसी वजह से इन्हें लाभ-निरपेक्ष संस्थाएं कहा जाता है।
भारत में पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट को शुरू करने के लिए आप इमारत या खाली ज़मीन के रूप में मौजूद अपनी किसी संपत्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक ट्रस्ट को खोलने के लिए आपको उस राज्य में लागू विशेष ट्रस्ट अधिनियमों का पालन करना होगा। यदि उस राज्य का या उस केंद्र शासित प्रदेश का अपना कोई ट्रस्ट अधिनियम नहीं है, तब आपको उस क्षेत्र में ट्रस्ट खोलने के लिए ट्रस्ट एक्ट 1882 के नियमों के अनुसार चलना होगा।

NGO से आपका क्या फायदा होगा ? संस्था बनाने के लाभ ?
दोस्तों सबसे पहले जान लेते हैं कि NGO खोलने से आपको क्या फायदा होगा, क्योंकि हर इंसान के अंदर यह बात जरूर होती है कि यदि वह कोई भी काम करें तो उससे क्या फायदा होगा और यह हो भी क्यों ना क्योंकि यदि हम सिर्फ समाज की सेवा करते रहेंगे और हमें घर से ही सब कुछ लगाना पड़े तो हमारा परिवार इस प्रकार भूखा मर जाएगा.
तो दोस्तों आपको बता देते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है बल्कि आप उससे अपना फायदा ले सकते हैं, जैसे बड़े-बड़े स्तर के लोग अपना टैक्स बचाने के लिए भी NGO शुरुआत करते हैं, वह अपनी NGO खोलकर अपनी NGO में पैसा चैरिटी में लगा कर टैक्स से बच जाते हैं. दोस्तों आप जिस प्रकार धीरे धीरे कार्य करते जाएंगे उसी प्रकार आपका NGO बड़ा होता जाएगा बहुत ज्यादा लोग आपसे जुड़ते जाएंगे और उतना ही fund / डोनेशन आपको मिलता जाएगा और आपको काम करने के साथ-साथ आपका नाम मिलेगा और फायदा/ लाभ भी होगा.
क्या आप NGO खोल सकते हैं ? NGO खोलने के लिए कितना होगा खर्च ?
जी हां आप बिल्कुल NGO को सकते हैं. NGO खोलने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. Ngo खोलने का Process छोटा सा होता है, उससे आप 20 से 30 दिनों के अंदर अपनी NGO शुरू कर सकते हैं. NGO शुरू करने के लिए आने वाला खर्चा भी बिल्कुल ही नाम मात्र होता है. एक NGO खोलने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कीजिए फीस Registration fees मात्र 50 रुपए रखी गई है, मतलब आपको NGO खोलने के लिए ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं होती है.
*(जो खर्चा आपका एफिडेविट बनवाने पर, नोटरी के साइन करवाने पर, आपके आने जाने का खर्चा, आपकी प्रोफाइल बनाने का खर्चा, आपकी संस्था के पैन कार्ड को बनवाने में और अन्य प्रकार के छोटे मोटे खर्चे रजिस्ट्रेशन फीस से अलग रहेंगे – लेकिन यह खर्चे अन्य किसी भी प्रकार का काम शुरू करने की तुलना में बहुत कम होता है).
NGO खोलने के लिए आपके पास सबसे पहले NGO खोलने का कारण होना चाहिए, जैसे कि आप अपने क्षेत्र में या राज्य में या देश में गरीबी हटाना चाहते हैं, गरीबों को पढ़ाना चाहते हैं, अंधे या विकलांग लोगों की मदद करना चाहते हैं, वृद्ध लोगों की मदद करना चाहते हैं या समाज को होने वाली अन्य परेशानियों को हल करना चाहते हैं. आपको कोई भी एक सामाजिक कार्य चुना है और आपको अपनी NGO के लिए एक अच्छा सा नाम चुनना है, जो कि किसी अन्य संस्था का पहले से नाम ना हो. इसके लिए Ngo Opening Procedure होता है और आपको कहां कहां से चंदा मिल सकता है उसकी हम आपको संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे. तो चलिए हम यह सब बातें जान लेते हैं.
क्या है NGO के एक्ट और धारा ?
NGO की शुरुआत हमारे देश में कई एक्ट और धाराओं तहत हो सकती है, जैसे कि चेरीटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट एक्ट 1920, पब्लिक वक्फ एक्सटेंशन ऑफ लिमिटेशन एक्ट 1959, इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1982, इंडियन कंपनीज एक्ट 1956 और धारा 25, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950, रिलीजियस एंडोमेंट एक्ट 1863, वक्फ एक्ट 1954 और मुस्लिम वक्फ एक्ट 1923.
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NGO जीओ के कार्य क्या है?
दोस्तों पहले जान लेते हैं कि NGO के कार्य क्या क्या हो और उसके पीछे उद्देश्य क्या होता है. NGO शुरू करने के लिए हमें सबसे पहले किसी एक काम को चुनना होगा जैसे कि हम बच्चों को पढ़ाने के लिए, वृद्धों के लिए, महिलाओं के लिए, अंधे बच्चों के लिए, फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के लिए, गरीब लोगो की खाने में मदद करने के लिए, समाज या किसी गांव की पानी में सहायता करने के लिए, किसी तरह की बीमारी में मदद करने के लिए, किसी खेल में मदद करने के लिए, किसानों की मदद करने के लिए.
दोस्तों ऐसे बहुत से सामाजिक कार्य है जो कि आप कर सकते हैं. NGO को शुरू करने के लिए आप कोई भी एक निश्चित कार्य चुन सकते हैं मतलब NGO के लिए कोई उद्देश्य (Aim) होना जरूरी है, जिससे आपका NGO चलेगा. अब बात करते हैं इसके उद्देश्य की:-
दोस्तों जब हम कोई कार्य करते हैं तो वह किसी ना किसी उद्देश्य के लिए ही किया जाता है. इसी प्रकार NGO शुरू करने के बाद हमें अपने आप उद्देश्य पता लगता जाएगा, जैसे कि हम ठान लेते हैं कि हमारे देश में बहुत से ऐसे गरीब परिवार है जो अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते और मान लीजिए हमने एक NGO शुरू किया और यह सोचते हैं कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित
ना हो पाए और हम उसे बढ़ाने की पूरी मदद करते हैं जैसे फ्री में एडमिशन, फ्री में ट्यूशन, फ्री में किताबे, फ्री में कपड़े, जूते, सभी की सहायता करना जैसे जैसे हमारी NGO बड़ी होती जाती है उसी प्रकार हमारा कार्य भी बड़े स्तर पर होता जाता है.
जैसे कि मान लीजिए आप अपने छोटे से कस्बे से ही यह कार्य शुरू किया है, जैसे-जैसे आप का आपके साथ लोग जुड़ते ही जाएंगे और आपकी NGO के लिए मदद करते जाएंगे जब वहां के सभी बच्चे आप अच्छे से पढ़ पढ़ाने लगोगे और उनकी बढ़िया तरीके से मदद करने लगोगे और कोई भी बच्चा नहीं रहेगा तो आप दूसरे कस्बे या दूसरे शहर की ओर भी जा सकते हैं. इसी प्रकार करते करते आप एक बड़े स्तर पर अपने NGO को लेकर जा सकते हैं. दोस्तों बच्चों को पढ़ाने का कार्य सिर्फ एक उदाहरण है आप जो मन में चाहे या आप जिस सामाजिक समस्या को हल करना चाहते हैं, आप उस पर काम कर सकते हैं.