
उत्तराखंड : कोरोना की दूसरी लहर में गांव लौटे सवा लाख प्रवासी, तेजी से फ़ैल रहा गाँवों में संक्रमण
कोरोना की दूसरी लहर प्रवासियों को लेकर अब प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ने लगी है। करीब सवा लाख प्रवासी अपने गांवों की ओर 21 अप्रैल के बाद से रुख कर चुके हैं। इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को लेकर भी सियासत गरमा गई है।
पंचायत विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रवासियों का गांवों की ओर रुख करने का सिलसिला अब और तेज हो गया है। 21 अप्रैल से प्रदेश सरकार ने प्रवासियों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट के जरिये ट्रेस करना शुरू किया था।

पंचायत विभाग के मुताबिक अभी तक स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर ही करीब 70 हजार प्रवासियों का पंजीकरण हो गया है। इसके अलावा करीब 55 हजार ऐसे हैं जो बिना पंजीकरण आए हैं, ग्राम स्तर पर उनकी रिपोर्टिंग हुई है। कई लोग प्रदेश के अंदर ही जिलों से भी लौटे हैं।
ग्राम प्रधानों को किया सजग, हो रही है रोज की रिपोर्टिंग
लहर से प्रदेश सरकार ने ग्राम प्रधानों को सचेत किया है और उनसे रोज रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिला पंचायत अधिकारियों के स्तर से यह फीडबैक लिया जा रहा है। गांवों में क्वारंटीन सेंटर आदि की व्यवस्था का सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है।
सियासत भी गरमाई, कांग्रेस मुखर
ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को लेकर भी प्रदेश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इस मामले को लेकर खासी मुखर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी इस मामले को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सरकार को कुुंभ के आयोजन को लेकर कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। रावत का कहना है कि कुम्भ के अनियंत्रित आयोजन की वजह से गांवों में संक्रमण फैला है। इसके लिए प्रवासियों को दोष देना सही नहीं है।