
वित्तविहीन शिक्षकों का मुद्दा लेकर CM योगी से मिले उमेश द्विवेदी सहित छह MLC
मुख्यमंत्री योगी ने दिया गंभीरता से निर्णय लेने का आश्वासन
लखनऊ: विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी सहित पांच विधान परिषद सदस्यों ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इन्होंने वित्तविहीन शिक्षकों को लेकर नियमावली में बदलाव करने तो वहीं, एमएलसी उमेश द्विवेदी ने माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्र-छात्राओं को अधिकारियों द्वारा अपमानित करने को रोकने व उनके नैसर्गिक अधिकारों को दिलाने की मांग की।
सीएम योगी से एमएलसी उमेश द्विवेदी, श्रीचंद शर्मा, जयपाल सिंह व्यस्त, डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह, अवनीश सिंह और अरुण पाठक ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री को दिए अपने पत्र में उमेश द्विवेदी ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में कई शिक्षा बोर्डों द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें UP BOARD, CBSE BOARD और ICSE BOARD प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ये तीनों बोर्ड छात्र-छात्राओं के इंटर स्तर तक पढ़ाई व परीक्षा के लिए मान्यता प्रदान करते हैं। सन् 1986 के पूर्व UP BOARD से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को अनुदानित कर दिया गया, लेकिन उसके बाद UP BOARD, CBSE BOARD और ICSE BOARD से एक जैसी वित्तविहीन मान्यताएं प्रदान की जा रही हैं। UP BOARD के अधिकारियों को 1986 से ही मनमाना कार्य करने व मनमाना भ्रष्टाचार करने की छूट मिली हुई है, जो वर्तमान में भी चल रही है।
एमएलसी उमेश द्विवेदी ने आरोप लगाते कहा कि यूपी बोर्ड के अधिकांश अधिकारी अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं एवं भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जो बोर्ड को प्रदेश और देश में बदनाम कर रहे हैं। आखिर जब CBSE/ICSE व्यवस्था भी वित्तविहीन ही है, जिसमें सभी कार्य उन्हीं विद्यालयों के प्रधानाचार्य व शिक्षक करते हैं तो यूपी बोर्ड के विद्यालयों में संभव क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यूपी बोर्ड के अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं और अव्यवस्था फैला रहे हैं, जबकि इसका दोष सम्मानित वित्तविहीन प्रधानाचार्यों, शिक्षकों एवं प्रबंधकों पर डाला जा रहा है।
गंभीरता से निर्णय लेने का आश्वासन
उमेश द्विवेदी ने कहा कि इन बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए वित्तविहीन शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं प्रबंधकों के सम्मान की रक्षा करते हुए उनके द्वारा पूर्व से कुशलतापूर्वक किए जा रहे दायित्व निर्वाह (बोर्ड परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, प्रैक्टिकल एग्जामनर, मूल्यांकन, डीएचई) को फिर से बहाल किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गंभीरता से शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया।