
तीन दिन बाद भी प्रदेश में एंबुलेंस कर्मियों ने जारी रखी अपनी हड़ताल
लखनऊ: प्रदेश भर में 11 लोगों की बर्खास्तगी और आधा दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद तीसरे दिन भी एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी है। एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को इको गार्डन पर एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगे पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने का एलान किया।
राज्य सरकार और उसके प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को शुरू हुई एंबुलेंस संघ की वार्ता विफल रही। एंबुलेंस कर्मियों से वार्ता का प्रयास अभी भी जारी है। राहत के लिए लगाई गई एंबुलेंस के बाद भी अस्पताल पहुंचने में मरीजों को दिक्कत हो रही है। ई-रिक्शा और निजी वाहनों से लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। मरीजों को बुधवार के दिन अस्पताल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जिले में गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 40 एंबुलेंस सेवा में तैनात की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू है। किसी तरह की बाधा नहीं आयेगी। जबकि कई अस्पतालों में बुधवार को गंभीर मरीज ई रिक्शा, ऑटो और कार से पहुंचते दिखे।
डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना कि, एंबुलेंस कर्मी कब तक हड़ताल तक जारी रखेंगे और उनके साथ वार्ता को सफलता कब मिलती है इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि यह मामला राज्य का है। राज्य स्तरीय अधिकारी इस मामले को देख रहे हैं, लेकिन लखनऊ में 40 एंबुलेंस की तैनात कर के मरीजों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। शाम तक और एंबुलेंस को भी शुरू कराया जाएगा। जिससे गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में कोई भी दिक्कत न हो।
एंबुलेंस संघ के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा है किजबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हम हड़ताल जारी रखेंगे। ज्यादा गंभीर मरीजों को हम लोग इस दौरान अस्पताल पहुंचाते रहेंगे और धरने पर भी बैठकर कुछ लोग अपनी मांगों को लेकर विरोध जताएंगे। एंबुलेंस संघ के अध्यक्ष ने कहा कि एफआईआर दर्ज होना और कर्मियों की बर्खास्तगी ठीक नहीं है। हमारा हौसला इससे नहीं टूटा है।
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