
भारत में करप्शन सिर्फ युवा ही रोक सकते हैं?
भारत में करप्शन ( corruption in India ) यानी भ्रष्टाचार की समस्या से नहीं बल्कि आज से कई साल पहले की है लेकिन अफसोस की बात यह है कि इतने प्रयासों के बाद भी भारत के अंदर भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का कोई रामबाण इलाज नहीं है आज भी इतना आगे होने के बाद भी भारत के अंदर भ्रष्टाचार जैसी खबरें सामने आई जाती है दलाली और सत्ता में बैठे हो रहे घोटालों से लोग काफी परेशान हो जाते हैं ऐसे में यह प्रश्न हर किसी के दिमाग में जरूर आता है कि क्या भारत के अंदर भ्रष्टाचार रोकने का कोई और उपाय नहीं है?
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आखिर भारत के अंदर भ्रष्टाचार को कौन रोक सकता है? क्या भारत की युवा खुद को बदल कर सच के रास्ते पर चलकर भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं? अगर युवा भी भ्रष्टाचार को रोक नहीं पाए तो क्या भारत विश्व में आगे निकल पाएगा? इन सभी प्रश्नों के जवाब दूर ना थोड़ा मुश्किल होगा हालांकि सरकारों द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कई तरीके के प्रयास किए गए हैं हाल ही में भारत की मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा फैसला लिया था जिससे एक काला धन वापस आ सके लेकिन कितना काला धन वापस आया है इस बात की कोई सख्त रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
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मोदी सरकार पर विपक्ष नोटबंदी के फैसले को लेकर हर बार सवाल उठाता रहा है क्योंकि नोटबंदी जैसे सख्त कदम पर कई लोगों को बहुत कुछ भुगतना भी पड़ा है भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए मोदी सरकार के इस कदम की कई लोगों ने जमकर तारीफ ए भी करी है लेकिन भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म हो नहीं पाया भ्रष्टाचार तभी खत्म हो पाएगा जब भारत के युवा एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।
हम अक्सर कुर्सी पर बैठे लोगों को काम कराने के लिए घूस देना ज्यादा आसान समझते हैं क्योंकि लोगों की मानसिकता ऐसी हो चुकी है कि उन्हें लगता है कि घूस देने से हमारा काम जल्दी हो जाएगा लेकिन यह उन कुर्सी में बैठे लोगों की आदत बिगाड़ देता है ऐसे में वह लोग हर किसी से पैसे की उम्मीद करते हैं जो पैसा देने के काबिल नहीं होता है हर कोई इतना अमीर नहीं होता है कि वह हर छोटी काम के लिए घूसखोरी कर सके।
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क्या यू बार रोक पाएगा भ्रष्टाचार?
किसी भी देश की युवा शक्ति उस देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि उन्हीं युवाओं से देश का भविष्य तय होता है कि देश तरक्की करेगा या नहीं युवाओं की सोच देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाती है आज के वक्त में युवाओं की सोच बदल रही है ऐसे में भारत के अंदर कई मामलों में बदलाव देखे जाने की उम्मीद जताई जा रही है युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं युवा देश का वर्तमान होते हैं तो भूतकाल भविष्य के सेतु भी हैं युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्व कक्षाओं से भरे हुए होते हैं।
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युवाओं के आंखों में मौजूद सपने किसी इंद्रधनुष से कम नहीं होते समाज को बेहतर बनाने के लिए मतदान के माध्यम से ईमानदार और विकास की सोच रखने वाले प्रतिनिधि को चुनने और भ्रष्टाचार से लोगों को मुक्त कराने में युवाओं का ही बड़ा योगदान साबित हो सकता है खासकर भारत के अंदर युवाओं को इस विषय पर गंभीरता से बात करनी चाहिए और भारत की युवाओं की जिस प्रकार से सोच बदलती दिख रही है ऐसा कहा जा सकता है कि जल्द भारत भी भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा।
भारतीय समाज में तेजी से आ रही बदलाव की लहर का बड़ी संख्या में युवाओं का नजरिया शॉर्टकट की बजाय कर्म और श्रम के माध्यम से सफलता प्राप्त करना है, स्वामी विवेकानंद की सोच थी कि किसी विशेष को लेकर नहीं बल्कि समाज को आगे लेकर जाना चाहिए आज की बिगड़ती सामाजिक स्थिति से युवा पीढ़ी को उनके विचार आगे बढ़ने से रोक नहीं सकते युवा वर्ग समाज और देश को प्रगति की ओर ले जा रहा है युवा देश के कर्णधार हैं अतः उन्हें यह जिम्मेदारी समझनी ही चाहिए।
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युवाओं की बदलती सोच से राष्ट्र निर्माण में दिक्कतें नहीं आती है युवा किसी भी राष्ट्र की शक्ति होता है और विशेषकर भारत जैसे महान राष्ट्र की उर्जा तो युवाओं में ही निहित है। भारत में शॉर्टकट ज्यादा अपनाया जाता है क्योंकि सब को आगे जाने की जल्दी है इसलिए छोटे रास्ते अपनाए जाते हैं लेकिन उचित सफलता मेहनत और श्रम से ही प्राप्त होती है नियम बिखरते हैं और लाइन टूट जाती है जिससे भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध होने लगते हैं।