सांस चेक करने के बहाने टी-शर्ट उतारी, गलत तरीके से छुआ; बृजभूषण सिंह पर दर्ज दो FIR में रेसलर्स के गंभीर आरोप
शिकायत में रेसलर्स ने कहा- इलाज खर्च के बदले फिजिकल रिलेशन की डिमांड की
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज दोनों एफआईआर अब सामने आ गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें बृजभूषण और सचिव विनोद तोमर मुख्य रूप से आरोपी हैं। बालिग पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण सिंह ने कथित रूप से कई बार छेड़छाड़ की, गलत तरीके से उन्हें छुआ। यहां तक कि सांस चेक करने के बहाने उनकी टी-शर्ट भी उतारी।
एफआईआर के अनुसार, पहलवानों ने आरोप लगाया कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनके पेट पर हाथ लगाया। संघ द्वारा चोटिल महिला खिलाड़ी का खर्चा उठाए जाने पर सेक्सुअल फेवर (शारीरिक संबंध बनाने) की डिमांड की। जब इससे खिलाड़ी ने मना किया तो उनके साथ ट्रायल में भेदभाव किया गया। वहीं, दूसरी एफआईआर के अनुसार बृजभूषण सिंह ने नाबालिग पहलवान को बहाने से अपने कमरे में बुलाया, जहां उसके साथ शोषण का प्रयास किया। लेकिन, वह किसी तरह वहां से बच निकली।
बृजभूषण शरण सिंह पर पहली एफआईआर में आरोप
पहली एफआईआर IPC की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354D (पीछा करना), 354A (यौन उत्पीड़न) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज की गई है। इसमें बृजभूषण सिंह और WFI सचिव विनोद तोमर का नाम है। शिकायतकर्ताओं में से एक ने आरोप लगाया कि सभी महिला एथलीट जब भी अपने-अपने कमरे से निकलती थीं तो ग्रुपों में चलती थीं, जिससे अकेले आरोपी से मिलने से बचा जा सके। एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया कि बृजभूषण सिंह ने एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान होटल के रेस्तरां में खाने की मेज पर उसे छुआ। उनकी इन हरकतों से वह गहरे सदमे में थी। वह अगले कुछ दिनों तक न तो ठीक से सो सकी और न ही ठीक से खा सकी। भारत में एक लीग के दौरान और फिर दो साल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दिल्ली में महासंघ कार्यालय में उन्हें फिर से गलत तरीके से छुआ गया था। शिकायतकर्ता का दावा है कि PMO में एक बैठक के दौरान, उसने बार-बार होने वाले यौन, शारीरिक, भावनात्मक और शारीरिक आघात के बारे में बात की।
इलाज के बहाने शारीरिक संबंध बनाने की डिमांड
शिकायतकर्ता का कहना है कि बृजभूषण सिंह ने एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पहली बार उनका यौन उत्पीड़न किया था, जब उन्होंने कथित तौर पर उनकी टी-शर्ट उतारी और उनकी सांस की जांच के बहाने गलत तरीके से छुआ। एक महिला खिलाड़ी का दावा है कि उस चैंपियनशिप के दौरान उन्हें चोट लग गई थी और भारत आने के बाद उन्हें फेडरेशन के ऑफिस में बुलाया गया था। बृजभूषण ने कथित तौर पर उससे कहा कि महासंघ उसके इलाज का खर्च वहन करने को तैयार है, बशर्ते वह फिजिकल रिलेशन बना ले।
जांच कमेटी ने बार-बार बंद किए कैमरे
खिलाड़ी के अनुसार, वह WFI प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के सदस्यों के सामने कैमरे के सामने पेश हुईं। इस दौरान रिकॉर्डिंग डिवाइस को बार-बार बंद कर दिया गया, जिससे उसे विश्वास हो गया कि उसके बयान के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।
महासंघ कार्यालय में जबरदस्ती का प्रयास
खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान बृजभूषण सिंह ने उसे गलत तरीके से छुआ और चैंपियनशिप के बाद जब वह नई दिल्ली में महासंघ कार्यालय गई तो उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने का प्रयास किया। यौन उत्पीड़न और पीछा करने की घटना ने उसे आघात पहुंचाया है। इन हरकतों की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान थी, जिस कारण उसके लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना और अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन करना मुश्किल था।
दूसरी एफआईआर की दो खास बातें
पुलिस को दूसरी शिकायत नाबालिग खिलाड़ी के पिता ने दी, जिनकी शिकायत पर पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज है। इसमें पिता ने घटना 2016 की बताई है। शिकायत के मुताबिक, खिलाड़ी की वर्तमान में उम्र 17 साल है। शिकायत में कहा गया कि पहलवान ने जब भारत में एक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता तो बृजभूषण शरण सिंह ने तस्वीर लेने के बहाने जबरदस्ती उसे अपनी और खींच लिया। उसे अपनी बाहों से इतनी कस कर पकड़ लिया कि वह हिल नहीं सकती थी। फिर जान-बूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे खिसका दिया। एफआईआर में लिखा है कि बृजभूषण ने पहलवान से कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा, टच में रहना। उस समय खिलाड़ी ने कहा था कि सर, मैं अपने बलबूते पर यहां तक आई हूं और आगे भी मेहनत करके आगे तक जाऊंगी। आरोप है कि बृजभूषण ने उस समय उसे चेतावनी दी कि एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल जल्द ही होने वाले हैं और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही थी, इसलिए उसे ट्रायल में नतीजे भुगतने होंगे।
कमरे पर बुलाकर उत्पीड़न का प्रयास
शिकायतकर्ता का दावा है कि बृजभूषण सिंह ने नाबालिग खिलाड़ी को अपने कमरे में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने का प्रयास किया। जब वह कमरे से बाहर निकलने में सफल रही तो एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के दौरान उसके साथ भेदभाव किया गया, क्योंकि उसने आरोपी के यौन उत्पीड़न का विरोध किया और उसकी मांगों को मानने को तैयार नहीं थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि मेरी बेटी 17 साल की एक युवा पहलवान है और अपने करियर की शुरुआत में है। वह आरोपी का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी और इस तरह शिकायत नहीं कर सकी या फेडरेशन के साथ इन मुद्दों को नहीं उठा सकी। फेडरेशन पूरी तरह से आरोपी के नियंत्रण में है और उसके हुक्म के अनुसार काम करती है।