
पंजाब पर 3 लाख करोड़ का कर्ज, कैसे पूरा होगा यह चुनावी वादा?
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने हाल ही में 37,120.23 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा केवल 4,688.2 करोड़ रुपये के ब्याज पर खर्च किया जाएगा। राज्य के राजस्व का लगभग 40 प्रतिशत कर्ज चुकाने पर खर्च किया जाता है, क्योंकि राज्य सरकारें अब तक लगभग 3 लाख करोड़ रुपये उधार ले चुकी हैं। इसमें से 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने उठाया था। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के अनुसार, पंजाब का कर्ज 2024-25 तक बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
पंजाब के बजट का केवल 44.4 प्रतिशत विकास कार्यों पर और लगभग 60 प्रतिशत ऋण, ब्याज और अन्य गैर-विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है। 2021-22 में पंजाब की सालाना आमदनी सिर्फ 95,263 करोड़ रुपये थी, जो सालाना खर्च 1,68015 करोड़ रुपये से 15,997 करोड़ रुपये कम है। इसका मतलब है कि पंजाब सरकार हर साल कर्ज ले रही है।
वर्ष 2021-22 के लिए राज्य के कुल राजस्व का विश्लेषण करते हुए राज्य सरकार को करों से 33,434 करोड़ रुपये, गैर-कर से 7,759 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों से 12,027 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार से 38038 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। कुल मिलाकर पंजाब सरकार का अधिकांश खर्च केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता और केंद्रीय करों से प्राप्त राजस्व पर निर्भर करता है।