
बिना चर्चा के कानून पारित करने पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
कोर्ट ने बिना चर्चा के बहस के कानून को पारित करने और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों को बदलने को उचित ठहराने पर सरकार को फटकार लगाई है और साथ ही इस कदम की कड़ी आलोचना भी की है।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सरकार के बहुत से कदमों पर पुनर्विचार करते हुए कुछ निर्णय लिया है। अब ऐसा ही एक मुद्दा सामने आया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अब बिना बहस किए कानूनों को पारित करने और लागू करने को पूर्ण रूप से गलत करार दिया है और सरकार को फटकार लगाई है।
इसमें सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बिना चर्चा के बहस के कानून को पारित करने और कोर्ट के फ़ैसलों को बदलने को उचित ठहराने पर सरकार को फटकार लगाई है और साथ ही इस कदम की कड़ी आलोचना भी की है। सुप्रीम कोर्ट ने अर्ध न्यायिक पैनलों में अधिकारियों, न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की जल्द से जल्द 10 दिनों में नियुक्ति करने का समय दिया है। जिसके चलते ही हालि में हटाए गए कुछ प्रावधानों को पुनर्जीवित किया गया है।
इस मुद्दे पर सीजेआई रामण ने किसी भी विधेयक को वापस लाने, किसी मुद्दे को फिर से उठाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि संसद द्वारा कानून बनाने से हमें कोई दिक्कत नहीं है पर हमें भी पता होना चाहिए कि सरकार यह विधेयक दुबारा क्यों लाई है।
यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा 15 अगस्त को उठाया गया था जिसमें उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि देश में कानून बनाने की प्रक्रिया बुरी स्थिति में है। क्योंकि संसद में बहस ना होने से कानूनों की खामियां नहीं पता चलती है जिनका खामियाजा अदालतों को भुगतना पड़ रहा है।
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