तलाक-ए-हसन के खिलाफ की गयी याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार, जानिए क्या है पूरा मामला
दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने एक बार फिर तलाक-ए-हसन ( talaq-e-hasan) की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरन्त सुनवाई से इनकार कर दिया है। जज अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्नाा की अवकाशकालीन पीठ ने याचिकाकर्ता से रजिस्ट्रार के समक्ष मामले का विस्तारित करने का निर्देश दिया है।
ये है मामला
दरअसल तलाक-ए-हसन के तहत एक पुरुष 3 महीने के लिए महीने में एक बार ‘तलाक’ कह कर पत्नीे को तलाक दे सकता है। याचिकाकर्ता पत्रकार बेनजीर हीना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने तलाक-ए-हसन की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि, महिला को 2 नोटिस भेजे गए हैं।
इस तारीख को दायर की गयी थी याचिका
इसके इतर आनंद ने दलील दी है कि, तलाक-ए-हसन को लेकर पहला नोटिस 19 अप्रैल को और आखिरी नोटिस 19 मई को दिया गया था। यह याचिका 2 मई को दायर की गई थी। इसमें महिला को दो बार तलाक का नोटिस दिया गया है। महिला का एक बच्चा भी है।
ये भी पढ़े :- यूपी: युवाओं के लिए योगी सरकार की पहल, 35 जिलों में शुरू हुआ उद्यम संपर्क डेस्क
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कही ये बात
पीठ की अगुआई कर रहे जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कहा कि, 19 अप्रैल को पहला नोटिस जारी किया गया था, लेकिन आपने दूसरे नोटिस तक इंतजार किया, हम मामले पर कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा कि तलाक-ए हसन को चुनौती देने वाली महिला की याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है.