अंधविश्वासः बारिश के देवता को खुश करने के लिए बच्चियों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया
देश चाहे जितनी तरक्की लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अंधविश्वास में न जाने क्या-क्या करते हैं एक बार फिर मध्यप्रदेश के दमोह जिले के एक गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।
यहां पर कथित तौर पर छह बच्चियों को अंधविश्वास की बलि चढ़ाते हुए बरसात के लिए देवता को खुश करने के लिए निर्वस्त्र कर गांव में घुमाये जाने का मामला सामने आया है।
मध्यप्रदेश में घटी इस घटना के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले में संज्ञान लेते हुए इस घटना की दमोह जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है।
सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जबेरा थाना क्षेत्र के बनिया गांव में यह घटना हुई।
दमोह के डीएम एस कृष्ण चैतन्य NCPCR को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जिला पुलिस अधीक्षक (SP) डी आर तेनिवार ने बताया कि सूचना पुलिस को मिली थी कि प्रचलित स्थानीय कुप्रथा के तहत बारिश के देवता को खुश करने के लिए कुछ नाबालिग लड़कियों को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था।
उन्होंने कहा कि इस घटना की पुलिस जांच कर रही है आरोपियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में विश्वास है कि इस प्रथा से बरसात हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, सूखे की स्थिति के कारण बरसात ना होने की वजह से पुरानी मान्यता के मुताबिक छोटी-छोटी गांव की बच्चियों को नग्न कर उनके कंधे पर मूसल रखा जाता है। मेढक को इस मूसल में बांधा जाता है।
बच्चियों को पूरे गांव में घुमाते हुए गांव की महिलाएं पीछे-पीछे भजन गाती हुईं जाती हैं और मार्ग में पड़ने वाले घरों से यह महिलाएं दाल, आटां व अन्य खाद्य सामग्री मांगते हैं और जो भी खाद्य सामग्री इकठ्ठा होती है उससे गांव के मंदिर में भंडारा किया जाता है। इस प्रकार इस कुप्रथा से गांव में बरसात हो जाती है।
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