
Chhattisgarh: कोरोना से मृत वकीलों के स्वजनों को नहीं मिली राशि, HC ने मांगा शपथ पत्र
Chhattisgarh: कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई है बुधवार को वैश्विक महामारी के दौरान स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इस दौरान कोर्ट ने विधि विधायी विभाग के सचिव को शपथ पत्र की भी तलब की है। कोविड-19 से मरने वाले वकीलों के स्वजनों को अब तक मुआवजा राशि क्यों नहीं दी गई? बुधवार को हाई कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई की युगलपीठ में हुई।
इस दौरान हाई कोर्ट को बताया कि अधिवक्ता कल्याण अधिनियम के अंतर्गत बार काउंसिल आफ इंडिया से वकीलों को आर्थिक मदद का प्रावधान है। इसके अंतर्गत वकीलों के मृत्यु होने पर अधिवक्ता कल्याण मद से 1.50 लाख रुपये की मदद की जाती है। जबकि प्रदेश शासन द्वारा इतनी ही राशि दी जाती है। इस दौरान स्टेट बार काउंसिल की ओर से अधिवक्ता किशोर भादुड़ी उपस्थित रहें।
उन्होंने बताया कि स्टेट बार ने ऐसे 51 वकीलों की सूची बनाई है, जिसमें से 10 वकीलों के परिवार वालों को डेढ़-डेढ़ लाख स्र्पये दिए गए हैं। वहीं, इन्हें शासन से अब तक राशि नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने प्रदेश शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता से सवाल किया वकीलों की राशि कब तक जारी की जाएगी। युगलपीठ ने प्रकरण में विधि सचिव को इस संबंध में शपथ पत्र के साथ 22 अगस्त तक जवाब तलब की है।
बता दें कि राज्य में ही कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर में 102 वकीलों की मौत हुई है। उनके स्वजनों को बार काउंसिल आफ इंडिया से आर्थिक सहायता राशि दी जानी है।
लेकिन फिलहाल उन्हें नहीं मिल पाई है। इसी तरह कोरोना से पीड़ित वकीलों को भी इलाज के लिए आर्थिक मदद करने की मांग की गई थी, जिस पर कोई राहत नहीं दी गई है। इस प्रकरण को लेकर राज्य हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसकी सुनवाई लंबित है।
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