
केंद्र सरकार ने दाल पर लगाया स्टॉक लिमिट, कारोबारियों ने किया विरोध
केंद्र सरकार की तरफ से आम जनों को मिली राहत, बढ़ती कीमतों को देखते हुए दाल पर तय किया स्टॉक लिमिट। योजना के दायरे से मूंग को किया अलग।
जयपुर। देश में दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने अब स्टॉक लिमिट तय की है। इस स्टॉक लिमिट के दायरे में खुदरा, थोक कारोबारियों के साथ दाल मिलों को भी लिया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय के वजह से दाल कीमतों में करीब 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आएगी। इस स्टॉक लिमिट दायरे से मूंग को अलग रखा गया है। वहीं केंद्र के इस निर्णय के विरोध में देश की कई मंडियों में पदाधिकारियों ने सोमवार को आपात बैठक बुलाई है।
भारतीय उद्योग व्यापार मिनिस्ट्री के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि यह वक्त दालों के स्टॉप पर अंकुश लगाने का नहीं है क्योंकि कई राज्यों में अभी नई फसल आ रही है। आपको बता दें कि कोरोना काल के बढ़ते प्रकोप के बीच सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है दालों की बढ़ती महंगाई को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने दालों की स्टॉक लिमिट तय कर दी है और इस योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है।
इसे थोक विक्रेताओं, रिटेलर्स, मिल मालिकों और इम्पोर्टर्स सभी पर लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने मूंग को छोड़कर सभी दालों पर 31 अक्टूबर तक स्टॉक लिमिट लगा दी है। इस योजना के तहत सरकार ने रिटेल कारोबारियों के लिए 5 टन स्टॉक की लिमिट तय की है जबकि थोक कारोबारियों और आयातकों के लिए 200 टन की लिमिट तय की गई है, जिसमें किसी एक वैरायटी का स्टॉक 100 टन से ज्यादा नहीं हो सकता है। दाल मिल भी अपनी कुल सालाना क्षमता का 25 फीसदी से ज्यादा का स्टॉक नहीं रख पाएंगी।
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